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यमन में भीषण जंग जारी, सऊदी गठबंधन के हमले में कम से कम 156 हूती विद्रोहियों की मौत, तबाह हुए वाहन

Renuka Sahu
21 Feb 2022 4:01 AM GMT
यमन में भीषण जंग जारी, सऊदी गठबंधन के हमले में कम से कम 156 हूती विद्रोहियों की मौत, तबाह हुए वाहन
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फाइल फोटो 

यमन के उत्तरपूर्वी प्रांत हज्जाह में हूती विद्रोहियों और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के बीच जंग तेज हो गई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यमन (Yemen) के उत्तरपूर्वी प्रांत हज्जाह में हूती विद्रोहियों और सऊदी अरब (Saudi Arabia) के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के बीच जंग तेज हो गई है. जिसके चलते बीते दो दिनों में कम से कम 156 हूती लड़ाके मारे गए हैं. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, सैन्य सूत्रों ने बताया कि हराड शहर में सेना और लड़ाकों के बीच झड़प हुई है. जिसकी सीमा सऊदी अरब से लगती है. अकेले हरदाद में ही शुक्रवार को 106 हूती विद्रहियों की मौत हुई है. गठबंधन सेना (Coalition Army in Yemen) के हमलों में हूती विद्रोहियों के कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

हूती आतंकियों ने कुछ दिन पहले ही हरदाद शहर से सेना को बाहर जाने पर मजबूर किया था. उस समय 60 सैनिकों की मौत हुई थी और 140 अन्य घायल हुए थे. फिर 17 फरवरी को सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के युद्धक विमानों के जरिए यमन के सैनिकों ने हूती आतंकियों को अब्द जिले से खदेड़ दिया था. आतंकवादी यमन सेना के ठिकानों की ओर बढ़ रहे थे. तभी उन्हें रोकने के लिए उनपर हमला किया. इसमें 50 आतंकियों को मारा गया और कई अन्य घायल हुए.
बम गिराने वाले ड्रोन का हुआ इस्तेमाल
सेना ने इनके खात्मे के लिए 10 बम बरसाने में सक्षम ड्रोन का भी इस्तेमाल किया. इससे पहले इसी तरह की जंग मारिब में भी हुई थी. उसमें भी सैकड़ों की संख्या में हूती मारे गए. हाल ही में हूती विद्रोही उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी को निशाना बनाया था. इस हमले में तीन लोगों की मौत हुई थी, जिनमें दो भारतीय और एक पाकिस्तानी नागरिक था. वहीं कई अन्य लोग घायल भी हुए थे.
2014 से चल रहा यमन गृह युद्ध
यमन में साल 2014 से गृह युद्ध चल रहा है. ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने उस वक्त यहां राजधानी सना सहित कई उत्तरपूर्वी प्रांतों को अपने कब्जे में ले लिया था. जबकि सऊदी समर्थित यमनी राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर हादी को राजधानी सना से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. फिर साल 2015 में वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त इस सरकार की बहाली के लिए सऊदी अरब और यूएई समेत तमाम अरब देशों ने युद्ध में हस्तक्षेप किया. इन्होंने यमन सेना की मदद की और कई क्षेत्रों से हूतियों को बाहर कर दिया है. गठबंधन के आने से ऐसी उम्मीद थी कि जंग जल्द ही खत्म हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
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