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तालिबान का कहना है कि पंजशीर को चारों से ओर से घेरा गया है और विद्रोहियों की जीत असंभव है।
नॉर्दन एलायंस के विद्रोही नेता अहमद मसूद और पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के घुटने के नहीं टेकने से भड़के तालिबान आतंकियों ने पंजशीर घाटी पर अब तक सबसे बड़ा हमला किया है। तालिबान के लड़ाकुओं ने पंजशीर घाटी को चारों ओर से घेर लिया है और रातभर दोनों ही तरफ से भीषण बमबारी हुई है। तालिबान ने अमेरिका से मिले अत्याधुनिक हथियारों का मुंह अब पंजशीर की ओर मोड़ दिया है जहां वे कभी कब्जा नहीं कर पाए हैं।
बताया जा रहा है कि इस बमबारी में दोनों ही ओर के कई लोग हताहत हुए हैं। पंजशीर के विद्रोहियों की ओर से जारी एक वीडियो में नजर आ रहा है कि वे तालिबान पर रॉकेट बरसा रहे हैं। अफगान मीडिया के मुताबिक पिछले तीन दिनों में पंजशीर घाटी पर किए गए हमलों में तालिबान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इसके बाद तालिबान ने गुरुवार शाम को सबसे बड़ा हमला किया है।
तालिबान ने अपनी फोर्स को पंजशीर पर कब्जे के लिए उतारा
दोनों ही पक्षों का दावा है कि इस लड़ाई में दुश्मन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने अपनी फोर्स को पंजशीर पर कब्जे के लिए उतार दिया है। उधर, अहमद मसूद के नेतृत्व में ताजिक लड़ाके और अफगान सेना के पूर्व सैनिक भी पंजशीर घाटी में डटे हुए हैं। इससे पहले अहमद मसूद और तालिबान के बीच वार्ता विफल हो गई थी। अहमद मसूद की मांग है कि ताजिक समेत अन्य अल्पसंख्यकों को भी तालिबान की सरकार में जगह दी जाए लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद का दावा है कि उनके लड़ाके पंजशीर में घुस गए हैं और कुछ इलाकों पर कब्जा कर लिया है। वहीं अफगान मीडिया का कहना है कि तालिबान का तीन बार किया गया हमला विफल हो गया है। पंजशीर के नैशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का कहना है कि उनके लड़ाकुओं ने सभी दर्रों पर अपना कब्जा बरकरार रखा हुआ है। फ्रंट के प्रवक्ता ने कहा, 'दुश्मन ने कई बार शोतूल के रास्ते जाबुल सराज में घुसने का प्रयास किया लेकिन हर बार वे असफल रहे। यह इलाका परवान प्रांत में स्थित है जो पंजशीर से सटा हुआ है।
दोनों ने एक-दूसरे को भारी नुकसान पहुंचाने का किया दावा
फ्रंट के प्रवक्ता ने कहा कि उनके लड़ाकुओं ने बड़ी संख्या में तालिबानियों को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि यह अब साबित हो गया है कि इस मुद्दे का हल युद्ध के जरिए नहीं हो सकता है। हालांकि अभी तक दोनों ही पक्षों ने अपने दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिया है। तालिबान का कहना है कि पंजशीर को चारों से ओर से घेरा गया है और विद्रोहियों की जीत असंभव है।
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