x
साउथ अफ्रीकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने चेतावनी दी है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है.
दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (Jacob Zuma) के समर्थकों ने जबरदस्त हिंसा की है. जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के आरोप में जेल भेजा गया है. ये दंगाई इसी बात को लेकर विरोध कर रहे हैं. स्थिति को हाथ से निकलता देख सरकार ने सेना को तैनात कर दिया है. दक्षिण अफ्रीकी सेना ने जोहान्सबर्ग शहर सहित दो प्रांतों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है. अभी तक इस हिंसा में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. ये हिंसक प्रदर्शन ऐसे वक्त में हो रहे हैं, जब सुप्रीम कोर्ट ने जुमा की 15 महीने की जेल की सजा को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है.
पुलिस ने कहा कि हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हर जगह हिंसा के माहौल को देखते हुए दंगों को रोकने के लिए गौतेंग और क्वाजुलु-नटाल प्रांतों में सेना को तैनात किया गया है. बता दें कि क्वाजुलु-नटाल जुमा का गृह राज्य है. जुमा 2009 से 2018 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थे. जुमा को वर्तमान में अदालत की अवमानना के मामले में जेल भेजा गया है. दरअसल, उनके कार्यकाल में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिसकी जांच के सिलसिले में उन्हें कोर्ट के समक्ष पेश होना था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे. इसलिए ही उन्हें सजा सुनाई गई.
टायर जलाकर और बैरिकेडिंग लगाकर सड़क को किया अवरुद्ध
जैकब जुमा को 15 महीने जेल की सजा सुनाई गई है, जिसके बाद उन्होंने बुधवार को खुद को अधिकारियों को सौंप दिया. हालांकि, 79 वर्षीय नेता ने भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है. जुमा की गिरफ्तारी के बाद, उनके समर्थकों ने पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने टायर जलाकर और बैरिकेडिंग लगाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया. दंगाइयों की हिंसक भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और दुकानों को लूट लिया. 'साउथ अफ्रीका नेशनल डिफेंस फोर्स' (SANDF) ने एक बयान में कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उनसे मदद मांगी, जिसके बाद सैनिकों की तैनाती की गई है.
राष्ट्रपति ने की हिंसा की निंदा
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने हाल के दिनों में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की सजा के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों की निंदा की है. रामफोसा ने कहा, राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे प्रभावित हुए हैं और हमारी अर्थव्यवस्था माल और सेवाओं के प्रवाह में मंदी से प्रभावित हुई है. कुछ राजनीतिक और नागरिक नेताओं ने हिंसा की निंदा की और इसे एक प्रदर्शन की आड़ में एक आपराधिक कृत्य बताया. उन्होंने कहा कि विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इसे शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. साउथ अफ्रीकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने चेतावनी दी है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है.
Next Story