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पृथ्वी से 60 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर हुआ तारे में भयंकर विस्फोट, ऐसा दिखा सुपरनोवा

Renuka Sahu
28 Oct 2021 2:51 AM GMT
पृथ्वी से 60 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर हुआ तारे में भयंकर विस्फोट, ऐसा दिखा सुपरनोवा
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फाइल फोटो 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कॉप से पहली बार पृथ्वी से 60 मिलियन प्रकाश सुपरनोवा में असामान्य रूप से विस्फोट होने का पता लगाया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कॉप ( Hubble Telescope)से पहली बार पृथ्वी से 60 मिलियन प्रकाश सुपरनोवा में असामान्य रूप से विस्फोट होने का पता लगाया है. सुपरनोवा (Supernova) किसी तारे में भयंकर विस्फोट को कहते हैं. इससे दूसरे सितारों को मिलने वाले वॉर्निंग सिस्टम के तौर पर देखा जा रहा है. सुपरनोवा को SN 2020fqv नाम दिया गया है. इसे शुरुआत में अप्रैल 2020 में कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में पालोमर ऑब्जरवेटरी से खोजा गया था.

नासा के मुताबिक, करीब 60 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर मौजूद एनजीसी 4567 और एनजीसी 4568 को बटरफ्लाई गैलेक्सी (Butterfly Galaxies) या गुड़वां गैलेक्सी के नाम से जाना जाता है. वैज्ञानिकों ने विस्फोट होने से पहले और बाद की तस्वीरें ली हैं, जिससे वह घटना के बारे में अहम जानकारी प्राप्त कर सके.
अमेरिका के सांताक्रूज में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के असिस्टेंट प्रोफेसर रयान फॉले ने एक बयान में कहा, 'पहले हम सुपरनोवा के बारे में ऐसे बात करते थे, जैसे हम किसी क्राइम सीन की जांच करने वाले जांचकर्ता हों. तब हम तथ्यों का अध्ययन करते थे, ये पता लगाने के लिए कि उस सितारे के साथ आखिर क्या हुआ था.'
रयान फॉले ने कहा, 'यह एक अलग स्थिति है, क्योंकि हम वास्तव में जानते हैं कि क्या हो रहा है और हम रियल टाइम में सितारे की मौत देख सकते हैं.' सितारे की मौत लाखों साल पहले हो गई होती है, लेकिन उसकी रोशनी अब दिखाई देना शुरू होती है. इससे पता चलता है कि अंतरिक्ष कितना गहरा है.
नासा की ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) का इस्तेमाल इसी तरह के अध्ययन और खोज करने के लिए किया जाता है. इसी से सुपरनोवा का भी अवलोकन किया गया है. जिससे वैज्ञानिकों को विस्फोट से जुड़ी जानकारी मिल सकी.


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