उत्तर कोरिया में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच सोमवार को बुखार से मौत के आठ और मामले सामने आए, जबकि 3,92,920 और लोग बुखार से पीड़ित पाए गए। किम जोंग-उन ने दवाई आपूर्ति में देरी पर अधिकारियों को फटकार लगाई है और सेना को राजधानी में महामारी से निपटने के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया है। किम जोंग उन ने देश में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा रखा है।
उत्तर कोरिया के वायरस रोधी आपात मुख्यालय ने बताया कि अप्रैल के अंत से 12 लाख लोगों को बुखार हो चुका है, जिनमें से 5,64,860 लोग अब भी पृथकवास पर रह रहे हैं। रविवार शाम छह बजे तक बुखार से 24 और लोगों की मौत होने के बाद देश में मृतक संख्या बढ़कर 50 हो गई है।
हालांकि, सरकारी मीडिया ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि बुखार से पीड़ित और उससे जान गंवाने वालों में से कितने लोग कोरोना संक्रमित थे। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया की खराब स्वास्थ्य प्रणाली के कारण वायरस के प्रसार को रोकने में नाकामी उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
उत्तर कोरिया की सरकारी संवाद एजेंसी केसीएन ने बताया कि देश में 3,92,920 लोगों के अंदर बुखार के लक्षण देखे गए हैं। उत्तर कोरिया ने पहली बार माना है कि वह कोरोना विस्फोट से बुरी तरह से जूझ रहा है। उत्तर कोरिया में अभी तक किसी भी व्यक्ति को कोरोना का टीका नहीं लगा है।
किम ने अधिकारियों को फटकार लगाई
कुछ दिनों पहले तक उत्तर कोरिया का किम जोंग उन प्रशासन दावा कर रहा था कि वह कोरोना महामारी से बचा हुआ है। उत्तर कोरिया ने इस प्रकोप को रोकने के लिए 10 लाख कर्मचारियों को तैनात किया है। रविवार को हुई बैठक में किम जोंग उन ने सही तरीके से काम नहीं करने की कड़ी आलोचना की थी। किम ने दवाइयों की आपूर्ति में देरी को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई। तानाशाह ने अब उत्तर कोरिया की सेना को राजधानी प्योंगयांग में वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।