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वाशिंगटन: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की वृद्धि करते हुए कहा है कि ऊंची मुद्रास्फीति से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. यह लगातार तीसरी बार है जब दरों में वृद्धि की गई है.
प्रमुख नीतिगत दर में हालिया वृद्धि से अब यह 3 से 3.25 फीसदी के बीच हो गई है और यह 2008 की शुरुआत के बाद इसका सबसे ऊंचा स्तर है. गैस के दाम में नरमी से मुद्रास्फीति में कुछ राहत जरूर मिली लेकिन अगस्त में यह 8.3 फीसदी पर ही बनी रही. केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने बुधवार को संकेत दिया था कि अभी दरों में और वृद्धि की जाएगी और साल के अंत तक प्रमुख नीतिगत ब्याज दर 4.4 फीसदी के स्तर को छू सकती है. वहीं अगले वर्ष इसे और बढ़ाकर 4.6 फीसदी तक ले जाया जा सकता है जो 2007 के बाद से सबसे अधिक होगी.
बेरोजगारी बढ़ने और मंदी का खतरा पैदा हुआ:
फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पावेल ने कहा कि इस कदम की वजह से मंदी आ सकती है या नहीं, यह तो कोई नहीं जानता लेकिन अगर आती भी है तो वह कितनी गंभीर होगी? उन्होंने कहा कि हमें मुद्रास्फीति को पछाड़ना होगा. काश ऐसा करने का कोई पीड़ारहित तरीका होता, अफसोस कि ऐसा नहीं है. उच्च स्तर पर बनी हुई मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में जो बढ़ोतरी की है उससे वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ने, बेरोजगारी बढ़ने और मंदी का खतरा पैदा हो गया है.
न्यूज़क्रेडिट: firstindianews
Admin4
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