विश्व
यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका हुई तेज, बाइडेन-पुतिन ने 62 मिनट की बातचीत
Shiddhant Shriwas
13 Feb 2022 7:32 AM GMT
x
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि देश को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा.
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला (Ukraine Russia Conflict) कर उसे अपने कब्जे में ले लेगा. जिसके बाद से अफरा तफरी जैसी स्थिति बनी हुई है. एक दर्जन से भी ज्यादा देशों ने अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है. अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने को कहा है. दूसरी तरफ रूस ने यूक्रेन से लगी सीमा पर करीब 100,000 सैनिकों की तैनाती की है लेकिन किसी तरह के हमले या कब्जे की बात से साफ इनकार किया है. इन सबके बीच शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ फोन पर बात की.
इस बातचीत में बाइडेन ने पुतिन से एक बार फिर यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों के जमावड़े को हटाने को कहा, साथ ही रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी 'दृढ़ता से जवाब देंगे और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी.' अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी. बाइडेन ने पुतिन से कहा,'आक्रमण का अंजाम 'व्यापक मानवीय पीड़ा' होगी और रूस की छवि धूमिल' होगी. साथ ही बाइडेन ने पुतिन से कहा कि अमेरिका यूक्रेन पर कूटनीति जारी रखेगा लेकिन 'अन्य परिदृश्यों के लिए भी समान रूप से तैयार है.'
कुछ ही दिनों में हमला कर सकता है रूस
यूक्रेन संकट के बीच दोनों नेताओं ने 62 मिनट तक बात की. यह फोन कॉल ऐसे वक्त पर हुआ है, जब बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए आगाह किया कि रूस कुछ ही दिन में और बीजिंग में चल रहे विंटर ओलंपिक के 20 फरवरी को समाप्त होने से पहले आक्रमण कर सकता है. रूस ने यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती के साथ ही पड़ोसी देश बेलारूस में भी युद्धाभ्यास के लिए अपने सैनिक भेजे हैं. जिसके चलते ऐसा कहा जा रहा है कि वह बेलारूस से ही यूक्रेन पर आक्रमण कर सकता है.
अमेरिका ने स्टाफ को कीव से जाने को कहा
इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन के अपने दूतावास में काम कर रहे गैर जरूरी स्टाफ को देश छोड़ने को कहा था. वह बाकी के कर्मचारियों को पोलैंड के पास यूक्रेन के सुदूर पूर्व क्षेत्र में भेज रहा है, ताकि हालात नियंत्रित होने तक किसी तरह का काम ना रुके. कनाडा भी अपने दूतावास के स्टाफ को यहीं भेज रहा है. हालांकि ब्रिटेन की राजदूत मेलिंडा सिमंस ने कहा कि वह और उनकी टीम कीव (यूक्रेन की राजधानी) में ही रहेंगे. रूस भी अपने स्टाफ की सुरक्षा के कदम उठा रहा है, उसने कहा है कि वह तीसरे देशों और यूक्रेन के उकसावे के डर से ऐसा कर रहा है.
डच एयरलाइन ने यूक्रेन के लिए उड़ान बंद की
अमेरिका ने काफी सावधानी बरतने का हवाला देते हुए यूक्रेन के सैनिकों को प्रशिक्षण देने वाले करीब 150 सैनिकों को देश से बाहर निकाल लिया है. डच एयरलाइन केएलएम ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के लिए तुरंत प्रभाव से उड़ान बंद कर देगी. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अगर पश्चिमी शक्तियों के पास आक्रमण का कोई पुख्ता सबूत है, तो उन्होंने इसे अभी तक देखा क्यों नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक गहरे और पूर्ण पैमाने पर युद्ध के बारे में मीडिया में बहुत अधिक जानकारी है. हम सभी जोखिमों को समझते हैं, हम समझते हैं कि वे मौजूद हैं. अगर आपके या किसी और के पास रूसी संघ के यूक्रेन पर आक्रमण के बारे में अतिरिक्त 100 फीसदी विश्वसनीय जानकारी है… कृपया इसे हमारे साथ साझा करें.'
इमैनुएल मैक्रों ने व्लादिमीर पुतिन से की बात
ऑस्ट्रेलिया, इटली, इजरायल, नीदरलैंड और जापान समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को कहा है. कुछ ने राजनयिक कर्मचारियों और उनके परिवारों को भी निकाला है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी शनिवार को पुतिन के साथ फोन पर बात की. बेशक दूसरे देश अपने स्टाफ को कीव से बाहर निकाल रहे हैं और नागरिकों से इस देश को छोड़ने के लिए कह रहे हैं, लेकिन खुद यूक्रेन को किसी तरह का संकट नजर नहीं आ रहा. सरकार यहां लोगों को शांत और एकजुट रहने के लिए कह रही है. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि देश को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा.
Next Story