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पुतिन और बाइडन की घंटे भर वार्ता के बाद भी कम नहीं हुई यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका

Renuka Sahu
14 Feb 2022 1:41 AM GMT
पुतिन और बाइडन की घंटे भर वार्ता के बाद भी कम नहीं हुई यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका
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फाइल फोटो 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की घंटे भर की वार्ता यूक्रेन पर हमले की आशंका कम नहीं कर पाई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की घंटे भर की वार्ता यूक्रेन पर हमले की आशंका कम नहीं कर पाई है। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद जर्मनी ने यूक्रेन पर हमला होने की स्थिति में रूस को गंभीर दुष्परिणामों की चेतावनी दी है। वैसे जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज मंगलवार को रूस के दौरे पर जा रहे हैं, वहां पर वह राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर तनाव कम करने का प्रयास करेंगे। इससे पहले सोमवार को वह यूक्रेन जाएंगे।

यूक्रेन से दूतावास कर्मियों का हटना जारी
इस बीच अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने अपने दूतावास कर्मियों को यूक्रेन की राजधानी कीव से हटाना शुरू कर दिया है। विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनबास इलाके में तैनात अमेरिकी पर्यवेक्षक दल भी हटाया जा रहा है। रूसी हमले की आशंका को पुष्ट करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि बातचीत का रास्ता बंद नहीं हुआ है। अभी भी तनाव को खत्म कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इस बाबत हो रहे प्रयासों के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया है।
दो दिन में प्राइवेट कंपनियों बंद कर सकती हैं उड़ान
रूसी हमले की आशंका के बावजूद यूक्रेन ने अपनी आकाशीय सीमा बंद या सीमित नहीं की है। लेकिन कई प्रमुख एयरलाइन कंपनियों ने कीव की अपनी उड़ानें बंद और कम करनी शुरू कर दी हैं। दो-तीन दिन में तनाव कम न होने पर ज्यादातर प्राइवेट कंपनियों ने अपनी सेवाएं बंद करने के संकेत दिए हैं। यूक्रेन मसले पर अभी तक तीखे बयानों से परहेज कर रहे जर्मनी ने रविवार को रूस को गंभीर दुष्परिणामों की चेतावनी दे डाली।
मास्को यात्रा से पहले जर्मन चांसलर के बोल हुए तीखे
कहा कि यूक्रेन पर हमले की स्थिति में रूस पर जो प्रतिबंध लगेंगे, वे उसके लिए बहुत पीड़ादाई और विनाशकारी होंगे। ये प्रतिबंध लगाने के लिए सभी पश्चिमी देश एकजुट हैं। विदित हो कि जर्मनी की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। माना जा रहा था कि इसीलिए जर्मन सरकार तीखी जुबान नहीं बोल रही थी, वह मसले के शांतिपूर्वक निदान की बात कह रही थी। लेकिन मास्को यात्रा से पहले चांसलर शुल्ज की जुबान बदल गई।
यूक्रेन पहुंचा हथियारों का जखीरा
यूक्रेन को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से हथियार मिलने जारी हैं। रविवार को अमेरिका के दो और मालवाहक विमान 180 टन हथियार और गोला-बारूद लेकर कीव पहुंचे। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनीकोव ने बताया है कि अभी तक 17 विमानों से आए 1,500 मीट्रिक टन हथियार और गोला-बारूद प्राप्त हो चुके हैं। इनके अतिरिक्त नाटो के सदस्य देश लिथुआनिया ने अमेरिका में बनीं स्टि्रंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल यूक्रेन पहुंचा दीं। लिथुआनिया ने ये मिसाइल अमेरिका की सहमति से दी हैं। इनसे पहले ब्रिटेन दो हजार एंटी टैंक मिसाइल और अन्य सैन्य सामग्री यूक्रेन को दे चुका है।
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