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अपने जनरल प्रैक्टिश्नर से या चाइल्ड लाइफ थेरेपिस्ट से सुझाव ले सकते हैं.
आपके बच्चे का शुरुआती सालों में सुई लगवाने का अनुभव इस बात को प्रभावित कर सकता है कि वे बाद के सालों में वैक्सीनेशन (Vaccination) के प्रति कैसा महसूस करते हैं और कैसा रिएक्शन देते हैं. इसलिए नकारात्मक अनुभव की संभावना को कम करना जरूरी है. जानिए माता-पिता अपने बच्चे को कोविड-19 टीका (Covid-19 Vaccine) या अन्य इंजेक्शन (Injection) के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं?
सुई का डर या फोबिया?
ज्यादातर बच्चे सुइयों से डरते हैं. लेकिन कुछ बच्चों के लिए ये डर ज्यादा गंभीर होता है और इसे वैक्सीन फोबिया (Vaccine Phobio) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. वैक्सीन फोबिया किसी सुई को देखना या उसे लगवाने को लेकर बहुत डरावनी या परेशान करने वाली प्रतिक्रिया है. उदाहरण के लिए- सैंपल के लिए खून लेना या इंजेक्शन लगाना. चिंता और डर खतरे के मुकाबले से बहुत ज्यादा होता है. ऐसे लोग जितना संभव हो सके सुइयां लगवाने से बचने की कोशिश करते हैं. गंभीर मामलों में केवल एक सुई को देख लेने मात्र से होने वाली चिंता इतनी बढ़ सकती है कि उसके चलते चक्कर आना, पसीना बढ़ जाना और बेहोशी जैसे भाव आ सकते हैं.
कितने फीसदी बच्चों को लगता है सुई से डर?
रिपोर्ट के अनुसार, चार से 6 साल की उम्र के पांच बच्चों में से लगभग एक (19 प्रतिशत) को सुई का फोबिया है और ये 10-11 साल की उम्र तक घटकर नौ में से एक (11प्रतिशत) हो जाता है. वयस्कों में लगभग 3.5 से10 प्रतिशत को सुई फोबिया होता है. बच्चों में ये डर पूर्व में हुई खून की जांचें, इंजेक्शन लगवाने और अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट के कारण हो सकता है.
सुई के डर को कैसे कम करें?
वैक्सीन के लिए अपॉइंटमेंट लेते समय, नर्स को तैयारी के लिए अतिरिक्त समय निकालने के लिए कहने पर विचार कर सकते हैं. जब बच्चे टीकाकरण के लिए आते हैं तो अधिकतर नर्स अनुमान लगा लेती हैं कि बच्चा चिंतित और घबराया हुआ हो सकता है या इंजेक्शन से बहुत डर सकता है.
बेहोशी को रोकने के लिए नर्स बच्चे को अपनी मांसपेशियों को खींचकर रखने और फिर छोड़ देने के लिए कहकर मदद कर सकती हैं. वे सुझाव दे सकती हैं कि गहरी सांस लें, इसे रोककर रखें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें. वे बच्चे का ध्यान सुई पर से हटाने के लिए अपने पैर की उंगलियों को हिलाने के लिए भी कह सकती हैं.
अगर आपके बच्चे को टीकाकरण के दौरान कोई नकारात्मक अनुभव होता है और आप पेशेवर से मदद लेना चाहते हैं तो अपने जनरल प्रैक्टिश्नर से या चाइल्ड लाइफ थेरेपिस्ट से सुझाव ले सकते हैं.
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