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जबरन वसूली, मानव तस्करी आदि के जरिए पैसा जमा कर रहा है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने चेतावनी दी है कि इस्लामिक स्टेट और अल कायदा ने हमले शुरू करने और पैसे जमा करने को लेकर ऑनलाइन प्रोपगेंडा फैलाने में बढ़ोतरी की है। अफगानिस्तान, इराक सहित अफ्रीका और दक्षिण एशिया में आतंकी हमलों को लेकर FATF ने चिंता जताई है। FATF ने कहा है कि आतंकवाद का खतरा दुनिया के कई हिस्सों में बना हुआ है। हाल के बड़े हमलों के पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ रहा है। इन हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं जिनमें से अधिकतर आम लोग थे।
इस्लामिक स्टेट और अल कायदा जैसे आतंकी संगठन पैसे जुटाने, भेजने और जमा करने के लिए नए पेमेंट टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। इन संगठनों का वर्चुअल संपत्ति बहुत बड़ा खतरा है। इस सबके साथ ही हाल के दिनों में इन आतंकी संगठनों को कई और संगठनों से सहयोग मिल रहा है जिससे खतरा और बढ़ गया है।
अफगानिस्तान जैसे देशों में इस्लामिक स्टेट और अल कायदा दोनों की मौजूदगी है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से इस्लामिक स्टेट ने अफगानिस्तान में कई आत्मघाती हमले किए हैं। FATF ने अफगानिस्तान को लेकर एक अलग से दिए बयान में कहा है कि अफगानिस्तान में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंशिंग से जोखिम का माहौल विकसित हो रहा है जिसका असर पूरे दुनिया पर पड़ सकता है।
FATF ने कहा है कि 2019 में इस्लामिक स्टेट की हार ने राजस्व उत्पन्न करने की उसकी क्षमता को काफी प्रभावित किया था लेकिन ग्रुप अभी भी कानूनी और अवैध स्रोतों के जरिए पैसे जुटाने में सक्षम है। मौजूदा वक्त में इस्लामिक स्टेट के पास करीब 25-50 मिलियन डॉलर का भंडार है। राजस्व बढ़ाने के लिए इस्लामिक स्टेट स्थानीय नागरिकों और बिजनेस को लूट रहा है। इस्लामिक स्टेट ने अपहरण, जबरन वसूली, मानव तस्करी आदि के जरिए पैसा जमा कर रहा है।
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