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पाकिस्तान को FATF ने ग्रे लिस्ट से किया बाहर और इन देशो को किया ब्लैकलिस्ट

Teja
21 Oct 2022 3:48 PM GMT
पाकिस्तान को FATF ने ग्रे लिस्ट से किया बाहर और इन देशो को किया ब्लैकलिस्ट
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न्यूज़ क्रेडिट :- आज तक 

पाकिस्तान को FATF ने ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है. पहले ही ऐसे कयास लग रहे थे कि पाकिस्तान को इस बार राहत मिल सकती है, अब उसी दिशा में फैसला भी दे दिया गया है. दो दिन तक FATF की बैठक चली थी जिसमें कई मुद्दों पर मंथन किया गया. लेकिन बड़ा फैसला पाकिस्तान को लेकर होना था, उसकी किस्मत तय की जानी थी.
FATF ने पाकिस्तान पर क्या बोला?
वैसे FATF ने पाकिस्तान पर तो फैसला दिया ही है, उसकी तरफ से म्यांमार पर भी अहम आदेश दिया गया है. FATF ने म्यांमार को ब्लैकलिस्ट में डालने का काम कर दिया है. एक जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान दूसरा देश है जिसे ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया है. उसकी तरफ से कुल 34 मापदंडों पर खरा उतरा गया है. अभी पाकिस्तान को आगे भी एशिया-पैसिफिक ग्रुप के साथ मिलकर काम करना होगा. FATF के इस फैसले पर पाकिस्तान ने भी खुशी जाहिर की है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से जोर देकर कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा किए गए तमाम प्रयासों पर मुहर लगा दी गई है. उनकी तरफ से सेना को भी बधाई दी गई है, कहा गया है कि उनकी मेहनत भी रंग लाई है.
क्या है FATF?
जानकारी के लिए बता दें कि FATF (Financial Action Task Force) एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संस्था है. यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करता है, जो कि आतंकवाद को बढ़ाने के लिए किए जाते हैं. पाकिस्तान पर आरोप लगे थे कि वहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों को आर्थिक मदद पहुंचाने का काम हो रहा है. इस आरोप के बाद पाकिस्तान को 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था. लेकिन अब कुछ रिपोर्ट्स के आधार पर FATF ने पाकिस्तान को राहत देने का काम कर दिया है. भारत की तरफ से इसका विरोध जरूर किया गया, लेकिन FATF ने उसे नजरअंदाज कर दिया.
ग्रे लिस्ट में होने से क्या होता है?
यहां ये समझना भी जरूरी है कि FATF जिस देश को ग्रे लिस्ट में डालता है, उसकी निगरानी बढ़ जाती है. पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने से उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना मुश्किल हो गया था. लेकिन अब इन्हीं सब पहलुओं पर पाकिस्तान को राहत मिलने वाली है. वैसे भी उसकी जिस तरह की आर्थिक स्थिति चल रही है, उसे देखते हुए ये फैसला जमीन पर काफी कुछ बदल सकता है.
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