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लिंचिंग का शिकार हुए श्रीलंकाई नागरिक के अवशेष के इंतजार में बैठा परिवार

Gulabi
6 Dec 2021 1:49 PM GMT
लिंचिंग का शिकार हुए श्रीलंकाई नागरिक के अवशेष के इंतजार में बैठा परिवार
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2011 में पाकिस्तान गए थे दियावदाना
ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तान में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर (Lynching in Pakistan) मार दिए गए श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा दियावदाना (Priyantha Kumara Diyawadana) का परिवार उनके अवशेषों को कोलंबो (Colombo) लाए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. शुक्रवार को एक निर्मम घटना में, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के नाराज समर्थकों ने एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया और ईशनिंदा के आरोपों पर उसके जनरल मैनेजर दियावदाना की पीट-पीट कर हत्या कर दी और शव को आग लगा दी थी.
दियावदाना की पत्नी निलूशी दिशानायके (Nilushi Dissanayake) ने यहां से कहा, 'मैं उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उनके अवशेषों की प्रतीक्षा कर रही हूं.' विदेश मंत्रालय ने रविवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी, श्रीलंकन एयरलाइंस (Srilankan Airlines), राज्य के खर्च पर सोमवार को दियावदाना के अवशेष यहां लाएगी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक लिंचिंग की इस भीषण घटना में दियावदाना की लगभग सभी हड्डियां टूट गई थीं और उनका शरीर 99 फीसदी तक जल चुका था. इस घटना को लेकर श्रीलंका ने नाराजगी जताई थी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.
2011 में पाकिस्तान गए थे दियावदाना
निलुशी ने कहा कि दियावदाना फैसलाबाद (Faisalabad) में एक कपड़े के कारखाने में मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी मिलने के बाद 2011 में पाकिस्तान (Pakistan) चले गए थे. एक साल बाद, वह सियालकोट के राजको इंडस्ट्रीज में जनरल मैनेजर के रूप में शामिल हो गए और कारखाने में काम करने वाले एकमात्र श्रीलंकाई नागरिक थे. दंपति के 14 और 9 साल के दो बेटे हैं और उन्होंने 2019 से अपने पिता को नहीं देखा था, क्योंकि वह कोविड महामारी के कारण अपने देश की यात्रा करने में असमर्थ थे. बड़े बेटे ने कहा कि उसने गुरुवार रात अपने पिता से फोन पर बात की और वे अगले साल तक घर लौटने की राह देख रहे थे.
पाकिस्तान और श्रीलंका में हुई घटना की निंदा
दियावदाना के बड़े भाई कमलासिरी भी पहले पाकिस्तान में कार्यरत थे. वे एक-दूसरे से 250 किमी की दूरी पर रह रहे थे, लेकिन लगातार संपर्क में रहते थे. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके भाई को पाकिस्तान में किसी खतरे का सामना करना पड़ा या नहीं. दियावदाना का जन्म 1972 में हुआ था. उन्होंने 2002 में कैंडी में पेराडेनिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और पाकिस्तान में अपनी नौकरी से पहले श्रीलंका के निजी सेक्टर में अपनी सेवाएं दीं. लिंचिंग की इस घटना की पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों में व्यापक निंदा हुई है. पाकिस्तान में पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं.
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