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Fake degree case: प्रवर्तन निदेशालय के गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय ने शिलांग स्थित सीएमजे यूनिवर्सिटी फाउंडेशन के ट्रस्टी चंद्र मोहन झा और उनके परिवार के सदस्यों तथा अन्य की 7.56 करोड़ रुपये की संपत्ति को धन के बदले फर्जी डिग्री प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में अस्थायी रूप से कुर्क किया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क की गई संपत्ति उनके बैंक खातों में शेष राशि, सावधि जमा, बीमा पॉलिसियों तथा एक भू-संपत्ति के रूप में है। ईडी ने हजारों छात्रों को धन के बदले फर्जी डिग्री प्रमाण पत्र देकर ठगने के आरोप में विश्वविद्यालय, झा, उनके परिवार के सदस्यों, जो सीएमजे फाउंडेशन के ट्रस्टी भी थे, तथा अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मेघालय पुलिस की सीआईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर तथा आरोप पत्र के आधार पर जांच शुरू की।
विज्ञापन सीएमजे यूनिवर्सिटी द्वारा अवैध रूप से करीब 20,570 डिग्रियां जारी की गईं। ईडी की जांच में पता चला है कि फर्जी डिग्रियां बेचने के बाद, उनके बैंक खातों में प्राप्त धनराशि को झा परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित विभिन्न बैंकों और म्यूचुअल फंडों में बैंक खातों में घुमाकर वास्तविक लेनदेन का रंग दिया गया। कुछ धनराशि को सावधि जमा में भी निवेश किया गया। अपराध की आय, जिसे भू-संपत्तियों में भी निवेश किया गया है, की मात्रा 83.52 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें से ईडी ने पहले 41.2 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। इस मामले में अब तक कुल जब्ती 48.76 करोड़ रुपये (लगभग) है।
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Kiran
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