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एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गाजा में पिछले साल हुए संघर्ष के दौरान फेसबुक और उसकी मातृ कंपनी मेटा द्वारा उठाए गए कदमों से फलस्तीनी उपयोगकर्ताओं के अभिव्यक्ति की आजादी, समूह में रहने और राजनीतिक भागीदारी के अधिकारों सहित कई अन्य अधिकारों का हनन हुआ था।
स्वतंत्र परामर्श कंपनी बिजनेस फॉर सोशल रेस्पांस्बिलिटी की ओर से गुरूवार को जारी रिपोर्ट ने मेटा की नीतियों और उसके भेदभावपूर्ण व्यवहार को लेकर कंपनी की लंबे समय से हो रही आलोचनाओं की पुष्टि की। इस रिपोर्ट में इजराइलियों और फलस्तीनियों के बीच के संघर्ष से संबंधित है।
इसमें दावा किया गया है कि कंपनी ने अरबी सामग्री पर ज्यादा सख्त नियम लागू किए और हिब्रू में जारी पोस्ट के संबंध में नरमी बरती। हालांकि, रिपोर्ट में मेटा या उसके कर्मचारियों पर जानबूझकर पक्षपात करने का आरोप नहीं लगाया गया है।
रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संचालन दल के संबंध में नस्ली, जातीय, राष्ट्रीय या धार्मिक भेदभाव के साक्ष्य नहीं मिले हैं। उन्होंने माना कि मेटा में विभिन्न विचारधारा, राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति और धर्म के कर्मचारी कार्यरत हैं।
बावजूद इसके रिपोर्ट में कई उदाहरण दिए गए हैं, जिनके चलते फलस्तीनी और अरबी भाषा के उपयोगकर्ताओं के अधिकारों का हनन हुआ। रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मेटा ने कहा कि कंपनी इसमें की गई कुछ सिफारिशों को लागू करने की योजना बना रही है।

Rani Sahu
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