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प्रत्यक्षदर्शी: मैंने अपनी आंखों से देखा कयामत का दिन

Neha Dani
27 Aug 2021 2:22 AM GMT
प्रत्यक्षदर्शी: मैंने अपनी आंखों से देखा कयामत का दिन
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हम एयरपोर्ट पर थे, लेकिन अब लौट आए हैं। सब कुछ गड़बड़ है।'

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से निकलने की कोशिश में काबुल हवाई अड्डे के बाहर जमा हुए लोगों के बीच गुरुवार को बम धमाके में कई लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है। अमेरिका के स्पेशल इमीग्रेशन वीजाधारक एक इंटरनेशनल डेवलेपमेंट ग्रुप के पूर्व कर्मचारी ने बताया कि वह भी उन हजारों लोगों में शामिल था जो हवाई अड्डे में प्रवेश करने और किसी उड़ान में सवार होने का इंतजार कर रहे थे। वह हवाई अड्डे के अब्बे गेट पर करीब 10 घंटे से कतार में था, शाम को करीब पांच बजे एक शक्तिशाली धमाका हुआ। ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे पैरों के नीचे से जमीन खींच ली। कुछ क्षणों के लिए मुझे लगा कि मेरे कान के पर्दे फट गए हैं और मेरी सुनने की शक्ति चली गई है। मैंने देखा कि लोगों के शरीर और शरीर के अंग प्लास्टिक की थैलियों की तरह हवा में उड़ रहे थे। उन्होंने कहा, 'इस जीवन में कयामत का दिन देखना संभव नहीं है, लेकिन आज मैंने कयामत का दिन देखा। यह मैंने अपनी आंखों से देखा।'

हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहे अफगान नागरिक आदम खान ने बताया धमाका हवाई अड्डे में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे लोगों के बीच हुआ। खान ने कहा कि वह धमाके वाली जगह से करीब 30 मीटर दूर था। उसके मुताबिक धमाके में कुछ लोग मृत और घायल नजर आ रहे थे तथा कुछ लोगों के अंगभंग हो गए थे।
वहीं, अफगानिस्तान में पशुशाला चलाने वाले ब्रिटेन के एक पूर्व रायल मैरीन पाल पेन फारथिंग ने बताया कि वह और उनके कर्मचारी धमाके के बाद काबुल एयरपोर्ट के बाहर फंस गए थे। उन्होंने ब्रिटेन की प्रेस एसोसिएशन न्यूज एजेंसी को बताया, 'अचानक हमने गोलियां चलने की आवाज सुनी और हमारे वाहन को निशाना बनाया गया। अगर हमारे ड्राइवर ने वाहन को मोड़ा नहीं होता तो एके-47 लिए एक व्यक्ति ने उसके सिर में गोली मार दी होती। हम एयरपोर्ट पर थे, लेकिन अब लौट आए हैं। सब कुछ गड़बड़ है।'


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