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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- कठिन दौर से गुजर रहे हैं चीन के साथ रिश्ते

Subhi
6 May 2021 1:45 AM GMT
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- कठिन दौर से गुजर रहे हैं चीन के साथ रिश्ते
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध एक बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध एक बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली की तरफ से बीजिंग को स्पष्ट किया जा चुका है कि अच्छे संबंधों के लिए सीमा पर शांति व स्थिरता 'सबसे जरूरी' है।

जयशंकर इस समय जी-7 समूह के विदेश एवं विकास मंत्रियों की बैठक में बतौर मेहमान मंत्री शामिल होने के लिए ब्रिटेन में मौजूद हैं। इस दौरान विदेश मंत्री ने एक वर्चुअल वैश्विक वार्ता शृंखला कार्यक्रम में शिरकत की।
उन्होंने कहा, आपसी संबंध इस कारण कठिन दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि सालों से चले आ रहे समझौतों और सहमतियों का उल्लंघन किया गया है। चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर या उसके करीब बड़े पैमाने पर सेना तैनात कर यह काम किया।
चीन के साथ मौजूदा संबंधों पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत उनमें से नहीं हो सकता, जो सीमाओं पर संघर्ष, जबरदस्ती, धमकी और खूनखराबा सहे और फिर आप कहें कि चलिए अन्य क्षेत्रों में हम अच्छे संबंध बनाते हैं। यह वास्तविक नहीं है। यह ऐसा कुछ है, जिस पर हम कायम है और चीनी पक्ष के साथ चर्चा कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में हमने प्रगति की है और कुछ क्षेत्रों में अब भी चर्चा चल रही है। लेकिन हम तनाव कम करने के स्तर पर नहीं पहुंचे है, जो सैनिकों की वापसी के बाद ही संभव है।
जयशंकर से चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ उनकी हालिया वार्ता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, चीन के साथ पिछली वार्ता काफी हद तक कोविड-19 महामारी पर केंद्रित थी। मेरी चर्चा का विषय था कि कोविड-19 निश्चित रूप से कुछ बड़ा है और यह हमारे साझे हित में है कि इससे निपटने के लिए मिलकर काम करें और यही बात विदेश मंत्र वांग यी ने भी मुझसे कही।
वांग यी के साथ हालिया फोन वार्ता का हवाला देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमने भारतीय कंपनियों को चीन से सामान मंगाने में आ रही मुश्किलों को देखने का आग्रह चीनी विदेश मंत्री से किया था
हमने चीनी मंत्री को संदेश दिया था कि वह कोविड-19 संकट से निपटने में सबसे बेहतर मदद चीन से सामान मंगाने की प्रक्रिया में राहत देकर कर सकते हैं। जयशंकर ने कहा, हमारी बातचीत के बाद चीजें आगे बढ़ी हैं। हमारी कुछ विमानन कंपनियों को तुरंत वहां जाने की अनुमति मिली, जो बहुत प्रशंसनीय है।
वृहद स्तर पर भारत-चीन संबंधों के बारे में मंत्री ने कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक हमारी तरफ से बताए गए स्थान तक उनकी वापसी नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, वे सीमा पर एक साल से हैं और उनकी गतिविधि से सीमावर्ती इलाकों में शांति और संयम भंग होता है। हमने 45 साल के बाद पिछले साल जून में वहां खून खराबा देखा। मंत्री ने कहा कि भारत का बहुत साफ रुख है कि पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते के लिए सीमावर्ती इलाकों में शांति और संयम बहुत जरूरी है।

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