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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के बैठक में लिया हिस्सा

Neha Dani
28 May 2021 3:01 AM GMT
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के बैठक में लिया हिस्सा
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राजनीतिक प्रयास का हिस्सा है और इससे मैं पूरी तरह से असहमत हूं.


भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. गुरुवार को उन्होंने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के बारे में जानकारी देते हुए यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (US India Business Council) ने कहा कि विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, ग्लोबल टास्क फोर्स मेंबर्स, यूएस चैंबर और काउंसिल लीडरशिप के साथ अच्छी बैठक हुई. उन्हें भारत में कोविड राहत प्रयासों में सहायता के लिए अमेरिकी कंपनियों के समर्थन, वैक्सीन (Vaccine) और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण के बारे में बताया गया.

इससे पहले एक संवाद में हिस्सा लेते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की सरकार को एक विशेष तरह से पेश करने का 'राजनीतिक प्रयास' चल रहा है और राजनीतिक तौर पर गढ़ी गई छवि और वहां सरकार के वास्तविक रिकॉर्ड में अंतर है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एसआर मैकमास्टर से बातचीत में जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस वक्त भारत बहुत 'तनावपूर्ण दौर' से गुजर रहा है.
'इससे ज्यादा क्या चाहिए'

यह संवाद हूवर इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित सत्र 'भारत: रणनीतिक साझेदारी के लिए अवसर और चुनौतियां' में हुआ. विदेश मंत्री ने कहा कि हम वास्तव में 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क भोजन दे रहे हैं, पिछले वर्ष कई महीनों तक दिया और इस वर्ष भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण दे रहे हैं. हमने 40 करोड़ लोगों के बैंक खातों में पैसा भेजा है.
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने यह किया है और यदि आप अमेरिका की आबादी से ढाई गुना अधिक लोगों का पेट भर रहे हैं और अमेरिका की आबादी से अधिक संख्या में लोगों को पैसा भेज रहे हैं और यह सब आप बिना चर्चा में आए, निरपेक्ष रूप से कर रहे हैं …. किसी व्यक्ति के नाम और उससे संबंधित जानकारी से परे जाकर सीधे उसके बैंक खाते में पैसा डाल रहे हैं. इससे ज्यादा क्या चाहिए. भेदभाव का कोई आधार ही नहीं है.
राजनीति का असल खेल
जयशंकर ने कहा कि इसलिए जब आप शासन संबंधी वास्तविक फैसलों को देखते हैं तो राजनीतिक तौर पर गढ़ी गई छवि तथा असली शासकीय रिकॉर्ड में अंतर पाएंगे. इसलिए मेरा मानना है कि आप इसे उसी तरह लें जो कि यह है-राजनीति का असल खेल. आप इससे सहमत हो सकते हैं या फिर असहमत भी हो सकते हैं लेकिन निश्चित ही मैं देखता हूं कि यह हमारी वर्तमान सरकार को एक विशेष तरह से पेश करने का राजनीतिक प्रयास का हिस्सा है और इससे मैं पूरी तरह से असहमत हूं.

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