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उस पर हमला करने या आतंकी साजिश रचने के लिए नहीं किया जाएगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने यूक्रेन संघर्ष (Ukraine crisis) को लेकर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) से व्यापक चर्चा की. इस दौरान रूस और यूक्रेन के युद्ध का दुनिया पर पड़ने वाले असर पर चर्चा की. वहीं, अफगानिस्तान और म्यांमार में स्थिति पर भी विचार साझा किए.
खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर बातचीत
विदेश मंत्री जयशंकर वॉशिंगटन (Washington) की यात्रा के बाद यहां पहुंचे थे. उन्होंने इसको लेकर ट्वीट किया और लिखा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UN Secretary General) एंतोनियो गुतारेस के साथ व्यापक चर्चा हुई. यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) के विश्व खासतौर से खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर असर पर विचार साझा किए गए. विकासशील देशों पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है.
अफगानिस्तान और म्यांमार पर वार्ता
उन्होंने लिखा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) और म्यांमार (Myanmar) के संबंध में ताजा घटनाक्रम पर बात की. जयशंकर ने कहा कि महत्वपूर्ण समकालीन चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए भारत के साथ काम करने में उनकी रूचि की सराहना करता हूं.
भारत और यूएस ने जारी किया बयान
बता दें कि जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) अपने अमेरिकी समकक्षों एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) और ऑस्टिन लॉयड के साथ वार्ता के लिए पिछले हफ्ते वॉशिंगटन पहुंचे थे. इस दौरान भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान जारी किया था.
तालिबान करे प्रस्ताव का पालन
बयान में तालिबान (Taliban) के नेतृत्व से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव का पालन करने का आह्वान किया था. इस प्रस्ताव में यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि भविष्य में अफगान सरजमीं का इस्तेमाल किसी देश को धमकी देने, उस पर हमला करने या आतंकी साजिश रचने के लिए नहीं किया जाएगा.
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