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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव पट्टिका का अनावरण भी किया

Shiddhant Shriwas
18 Oct 2021 11:54 AM GMT
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यरूशलम फॉरेस्ट में भूदान ग्रोव पट्टिका का अनावरण भी किया
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इजरायल (Israel) की पांच दिवसीय यात्रा पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने सोमवार को अपने इजरायली समकक्ष यायर लापिड (Yair Lapid) से मुलाकात की.

इजरायल (Israel) की पांच दिवसीय यात्रा पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने सोमवार को अपने इजरायली समकक्ष यायर लापिड (Yair Lapid) से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट (Vaccination certificates) को पारस्परिक रूप से मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) में शामिल होने के लिए इजरायल को भी धन्यवाद दिया. विदेश मंत्री की इस यात्रा का लक्ष्य भारत एवं इजरायल (India-Israel Relations) के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नये क्षेत्रों की संभावना को तलाशना है.

इससे पहले, विदेश मंत्री जयशंकर ने 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव (भूदान उपवन)' (Bhoodan Grove) पट्टिका का अनावरण किया और इस प्रकार भारत-इजरायल के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित होने से पहले के समय में दोनों देशों के बीच रहे रिश्तों के अनजाने पहलुओं को छुआ. विकास के लिए गांव को बुनियादी इकाई मानने की महात्मा गांधी की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नेता 'भूदान और ग्रामदान' जैसे सर्वोदय अभियान के समाजवादी विचारों के क्रियान्वयन के तरीके खोजने के दौरान इजराइल के अनेक दौरों पर गए. उन्होंने इजरायल के सामुदायिक और सहकारिता संस्थानों -किबुत्जिम और मोशाविम के अलग स्वरूपों के सामाजिक ढांचे का अध्ययन किया.
'भूदान ग्रोव' को लेकर जयशंकर ने कही ये बात
सर्वोदय अभियान के नेता जयप्रकाश नारायण सितंबर 1958 में इजरायल के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे. उनके दौरे के बाद 27 सदस्यीय सर्वोदय दल छह महीने के अध्ययन दौरे पर वहां गया. भारत लौटने के दौरान इस दल ने 22 मई 1960 को 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव' के लिए पौधारोपण किया. जयशंकर ने नारायण और भूदान कर्मियों के दौरे को हमारे परस्पर इतिहास का एक ऐसा पहलू' बताया, जिसे वह महत्व नहीं मिला जिसका कि वह हकदार था. उन्होंने कहा कि इस पट्टिका का अनावरण बहुत उचित समय पर हो रहा है क्योंकि पिछले वर्ष आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती थी.
भारतीय मूल के यहूदी समुदाय दोनों मुल्कों को लाएंगे करीब
विदेश मंत्री ने यहूदी नरसंहार (होलोकास्ट) के दौरान मारे गए लाखों यहूदी लोगों की याद में बनाए गए स्मारक याद वाशेम पर पुष्पांजलि अर्पित की. इजरायल की अपनी पहली यात्रा पर दिन में जयशंकर ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इजरायल में भारतीय मूल के यहूदी समुदाय आने वाले वर्षों में दोनों देशों को और भी करीब लाएंगे. उन्होंने यहां भारतीय मूल के यहूदी समुदाय के साथ बातचीत के बाद ट्वीट किया, 'इजराइल में भारतवंशी यहूदी समुदाय से मिलकर बहुत खुशी हुई. भारत-इजरायल संबंधों में उनके योगदान की सराहना करता हूं. विश्वास है कि वे आने वाले वर्षों में हमें और भी करीब लाएंगे.'
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