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यमन के लिए भारत से वाणिज्यिक गेहूं का निर्यात आपूर्ति का जरिया, यूएन की उप राहत प्रमुख जॉयस मसूया ने की तारीफ

Renuka Sahu
13 July 2022 12:51 AM GMT
Exports of commercial wheat from India to Yemen are a means of supply, UN Deputy Relief Chief Joyce Msuya praises
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फाइल फोटो 

विश्व निकाय ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत से वाणिज्यिक गेहूं का निर्यात यमन आपूर्ति का एक अहम जरिया बना है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व निकाय ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भारत से वाणिज्यिक गेहूं का निर्यात यमन आपूर्ति का एक अहम जरिया बना है। यूएन में उप राहत प्रमुख जॉयस मसूया ने यह बात भारत द्वारा गत 3 माह में यमन को 2.50 लाख टन से ज्यादा गेहूं निर्यात करने की जानकारी देने के बाद कही।

मानवीय मामलों की सहायक महासचिव और उप-आपातकालीन राहत समन्वयक जॉयस मसूया ने अपनी टिप्पणी में स्वीकार किया कि भारत से गेहूं की खेप यमन के लिए आपूर्ति की लाइफ लाइन दे रही है। उन्होंने यह टिप्पणी परिषद की बैठक में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता के बयान के जवाब में की। गुप्ता ने कहा, भारत वैश्विक बाजारों की आपूर्ति में बदलाव को और खाद्य सुरक्षा पर उसके विपरीत प्रभाव को कम करने के लिए जरूरतमंद देशों को वित्तीय मदद और अनाज दे रहा है। जॉयस मसूया ने कहा, हम यमन और भारत सरकार के बीच गेहूं निर्यात को लेकर सकारात्मक वार्ता से उत्साहित हैं। गुप्ता ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यमन को गेहूं उपलब्ध कराने में भारत के योगदान का जिक्र करने के लिए मसूया का आभार जताया।
यूक्रेनी हालात पर भारत ने जताई चिंता
भारत ने एक बार फिर यूक्रेन के हालात पर गहरी चिंता जताई और यूक्रेनी लोगों की पीड़ा कम करने की कोशिशों का समर्थन करते हुए शत्रुता खत्म करने की अपील की। भारत ने खासतौर पर कीव-मॉस्को बातचीत को प्रोत्साहित किया। यूक्रेन पर यूएनएससी अररिया-फॉर्मूला बैठक में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा, भारत यूक्रेन की स्थिति पर गहराई से चिंतित है। उन्होंने कहा, भारत हमेशा से शांति संवाद और कूटनीति के मार्ग पर चलने की वकालत करता रहा है।
रूस को सशस्त्र ड्रोन आपूर्ति करेगा ईरान : अमेरिका
व्हाइट हाउस ने कहा, उसका मानना है कि रूस का यूक्रेन में चल रहे युद्ध के लिए ईरान से हथियार ले जाने में सक्षम ड्रोन सहित सैकड़ों की संख्या में मानव रहित विमान (यूएवी) हासिल करने का इरादा है। अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन ने कहा, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान ने रूस को मानवरहित प्रणालियां मुहैया कराई हैं या नहीं, लेकिन हमें सूचना है कि ईरान रूसी बलों को इस माह ड्रोन परिचालन में प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है। इनमें हथियार ले जाने में समक्ष ड्रोन भी शामिल है। उन्होंने यह बात ऐसे वक्त कही जब बाइडन इस्राइल व सऊदी यात्रा पर जाने वाले हैं और इस यात्रा के दौरान ईरान के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्र में उसकी अराजक गतिविधियों पर चर्चा करने वाले हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन अगले सप्ताह जाएंगे ईरान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह ईरान के दौरे पर जाएंगे। क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेशकोव ने बताया कि पुतिन, ईरान और तुर्की के नेताओं के साथ त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होने के लिए अगले मंगलवार को तेहरान जाएंगे। इस बैठक में सीरिया से संबंधित मसलों पर चर्चा होगी। पेशकोव ने बताया कि इस दौरे के दौरान पुतिन तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के साथ अलग से मुलाकात भी करेंगे।
जंग के बीच कैबिनेट में फेरबदल करेंगे जेलेंस्की
रूस से जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एलान किया है कि वे जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल करेंगे। उन्होंने कहा कि विदेश नीति को मजबूत करने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह फैसला किया गया है। जेलेंस्की के बयान के बाद माना जा रहा है कि यूक्रेन के विदेश मंत्री बदले जा सकते हैं। पिछले दिनों ही जेलेंस्की ने भारत समेत नौ देशों से अपने राजदूत हटाने का निर्देश दिया था।
यूक्रेन ने अमेरिकी हिमारस से किया हमला, 52 रूसी सैनिकों की मौत
यूक्रेन ने मंगलवार को कहा कि उसने रूसी फौजों के कब्जे वाले खेरसान के नोवा काखोव्का पर अमेरिका से मिले लंबी दूरी के रॉकेट से हमला किया, जिसमें 52 रूसी सैनिक मारे गए। यूक्रेन ने दावा किया, अमेरिका से मिले मोबाइल तोपखाने हिमारस का इस्तेमाल कर यहां स्थित एक रूसी गोला-बारूद डिपो को भी नष्ट कर दिया गया।
उधर, खेरसान में एक रूसी अधिकारी ने कहा, हमला नागरिक इलाके पर किया गया और इसमें सात आम लोगों की मौत हुई, जबकि 60 घायल हैं। 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद ही रूस ने इस इलाके को कब्जे में ले लिया था। खेरसान से होकर ही काला सागर का रास्ता है, जहां से यूक्रेन अनाज निर्यात करता है। यूक्रेन सरकार ने हाल ही में 10 लाख सैनिकों वाली फौज से अपने इलाके को रूसी कब्जे से छुड़ाने का संकल्प लिया है।
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