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लेकिन लगातार हो रहे धमाके तालिबान के दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
काबुल: काबुल: अफगानिस्तान के हेरात में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान एक मस्जिद में विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में एक हाई-प्रोफाइल तालिबान समर्थक मौलवी के साथ-साथ कई आम नागरिक भी मारे गए। हेरात के पुलिस प्रवक्ता महमूद रसोली ने कहा कि इमाम मुजीब रहमान अंसारी अपने कुछ गार्ड और नागरिकों के साथ मस्जिद की ओर जाते समय मारे गए हैं। रसोली ने यह नहीं बताया कि विस्फोट में कितने लोग हताहत हुए। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से मस्जिदों को निशाना बनाए जाने की वारदातें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। अधिकतर धमाके शिया समुदाय की मस्जिदों में हुए हैं।
मस्जिद को आत्मघाती हमलावर ने बनाया निशाना
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट मस्जिद के अंदर जुमे की नमाज के दौरान हुआ और यह आत्मघाती हमले के कारण हुआ। हताहतों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन स्थानीय लोगों ने कहा कि विस्फोट में कई लोग मारे गए और घायल हुए हैं। अभी तक किसी ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ट्विटर पर अंसारी की मौत पर दुख जताया और कहा कि विस्फोट के दोषियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
आईएसआईएस पर हमले का शक
हेरात में मस्जिद पर हुए आत्मघाती हमले के पीछे आईएसआईएस का हाथ होने का शक जताया जा रहा है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से आईएसआईएस ने कई मस्जिदों को ऐसे ही निशाना बनाया है। तालिबान और आईएसआईएस अफगानिस्तान में वर्चस्व की जंग लड़ रहे हैं। इस कारण पूरे अफगानिस्तान में जंग जैैसे हालात बने हुए हैं। हालांकि, तालिबान का दावा है कि उसने अफगानिस्तान से आईएसआईएस को खदेड़ दिया है। लेकिन लगातार हो रहे धमाके तालिबान के दावों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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