नेपाल में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं की पारदर्शिता और व्यवहार्यता की कमी पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। उन्होंने चीनी सहयोग स्वीकार करते वक्त नेपाल को सतर्क रहने की चेतावनी दी क्योंकि इसमें चीन के भू-राजनीतिक और अन्य तरह के स्वार्थ निहित हैं।
न्यूज सोसायटी नेपाल (एनएसएन) द्वारा आयोजित एक संवाद शृंखला में बोलते हुए विशेषज्ञ और पत्रकार विश्वास बराल ने कहा कि यदि सरकार पारदर्शी समझौते नहीं करेगी तो परेशानी होगी। नेपाल के स्थानीय मीडिया कांतिपुर न्यूज ने बराल के हवाले से कहा कि किसी ने भी अब तक बीआरआई दस्तावेज नहीं देखा है। इसलिए सबसे पहले तो इसके पारदर्शी होने की जरूरत है।
बता दें कि हाल ही में चीनी विदेश मंत्री के नेपाल दौरे पर रेलवे को तकनीकी मदद के लिए एक समझौता किया गया था लेकिन सरकारी अफसरों के अलावा इसे कोई नहीं जानता। विशेषज्ञों ने इसके लिए सरकार को सतर्क किया।
निवेश में स्पष्ट हो कि हासिल क्या करने जा रहे
राजनयिक इतिहासकार और श्रीलंका के भू-राजनीतिक विशेषज्ञ जॉर्ज आईएच कुक ने कहा कि श्रीलंका का आर्थिक संकट उसके अपने पथभ्रष्ट नीति प्रबंधन के कारण था। उन्होंने कहा, देश बहुत निवेश ला सकता है लेकिन उसे स्पष्ट होना होगा कि वह निवेश से क्या हासिल करने जा रहे हैं। उन्होंने बेवजह निवेश करने से देश को जागरूक रहना जरूरी बताया।
बांग्लादेश ने एक नवनिर्मित पुल के निर्माण को चीन की अरबों डॉलर की बीआरआई परियोजना से जोड़ने वाली खबरों को खारिज किया है। उसने कहा, देश के सबसे लंबे पुल के लिए सरकार ने पूर्णरूपेण वित्तपोषण किया है और इसके निर्माण में किसी भी विदेशी धन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। पीएम शेख हसीना 25 जून को 10 किलोमीटर लंबे