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एक्सपर्ट ने जारी की घंटों सोफे़ पर बैठे-बैठे टीवी देखने वालों के लिए खौफ़नाक वॉर्निंग

Gulabi
4 Feb 2022 3:15 PM GMT
एक्सपर्ट ने जारी की घंटों सोफे़ पर बैठे-बैठे टीवी देखने वालों के लिए खौफ़नाक वॉर्निंग
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घंटों सोफे़ पर बैठे-बैठे टीवी देखने वालों के लिए खौफ़नाक वॉर्निंग
छुट्टी या खाली वक्त में आम तौर पर लोग ऐसे में टीवी देखकर अपना समय काटने की कोशिश करते हैं. टाइमपास का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है टीवी देखना. उसके करना भी क्या होता है. आराम से सोफे पर बैठ जाओ फिर घंटों तक टीवी पर तरह-तरह के सीरियल, वेब सीरीज़, फिल्में, न्यूज़, क्रिकेट देखता रहना. 4 से 5 घंटे कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता. लेकिन अब आपको ये जानकर बेहद हैरानी होगी कि ये आदत आपकी सेहत के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है?
एक नई रिसर्च में ये दावा किया गया है कि घंटों तक लागातार पैर लटका कर सोफे पर बैठने से शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी है. ये समस्याएं चुपके से आती हैं और सेहत बिगाड़ जाती है. चूंकि ये अपना असर शरीर पर धीरे-धीरे डालती हैं लिहाज़ा हमें पता भी नहीं चलता की आखिर किस लापरवाही ने उनकी ये हालत कर डाली.
सोफे पर बैठकर मत देखना टीवी
पैर लटका कर 4 घंटे तक बैठने से खून जमने की समस्या का खतरा (4 hours of sitting down every day increases the risk of a potentially fatal blood clot) बढ़ रहा है. करबी डेढ़ लाख लोगों पर किए गए पिछले रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि हर दिन चार-पांच घंटे पैर लटका कर बैठने से संभावित रूप से खतरनाक खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है. घंटों तक टीवी देखना खतरनाक रूप से 'साइलेंट किलर' ( Silent killer condition) की तरह जोखिम को बढ़ा सकता है, हर दिन चार-पांच घंटे तक सोफे पर आराम फरमाने वालों में घातक खून का थक्का बढने की आशंका करीब 35 फीसदी ज्यादा हो जाती है. पैर के निचले हिस्से और जांघ में शिरापरक थ्रोम्बेम्बोलिज्म (वीटीई) (venous thromboembolism (VTE) की समस्या बढ रही है. जिसमें नसों में खून जमना शुरु हो जाता है.
युवाओं को तेज़ी से ले रहा है अपनी चपेट में
वैज्ञानिकों का मानना है कि शरीर को अत्यधिक निष्क्रिय अवस्था में रखने से VTE की प्रॉब्लम बढ़ने लगी है. आमतौर पर ये दिक्कत 60 तक वाले लोगों में देखी जाती थी मगर नई रिसर्च के मुताबिक अब युवाओं में ये प्रॉब्लम तेज़ी से बढ रही है. ये समस्या अब तेजी से दुनिया भर में मृत्यु और विकलांगता का एक प्रमुख कारण बनती जा रही है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऑफिस वर्कर, वर्क फ्रॉम होम मोड में काम कर रहे लोग और डिलीवरी ड्राइवर के पेशे में काम कर रहे लोगों में भी वीटीई (VTE) के ख़तरा की आशंका बढ़ सकती है.
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