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नया वैरिएंट को लेकर एक्सपर्ट का दावा: ओमिक्रॉन फैलने की रफ्तार तेज, बताया कितना है खतरनाक?

Nilmani Pal
8 Dec 2021 1:42 PM GMT
नया वैरिएंट को लेकर एक्सपर्ट का दावा: ओमिक्रॉन फैलने की रफ्तार तेज, बताया कितना है खतरनाक?
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कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से पूरी दुनिया में फैल रहा है. इस बीच अमेरिका के इंफेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट डॉ. एंथॉनी फाउची ने मंगलवार को कहा कि SARS-CoV-2 के नए वैरिएंट को देखते हुए कई देशों ने अपनी सीमाओं को फिर से बंद कर दिया है, लेकिन यह पिछले डेल्टा सहित अन्य वैरिएंट्स से ज्यादा खतरनाक नहीं है. एएफपी से बातचीत में फाउची ने कहा कि वैरिएंट की पूरी तस्वीर सामने आने में अभी थोड़ा समय और लग सकता है. हालांकि नए वैरिएंट को लेकर कुछ बातें बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी हैं.

ओमिक्रॉन फैलने की रफ्तार: डॉ. फाउची ने कहा कि ओमिक्रॉन स्पष्ट रूप से अत्यधिक ट्रांसमिसिबल यानी ज्यादा संक्रामक है और संभावित रूप से इसके फैलने की रफ्तार डेल्टा से बहुत ज्यादा है.

इम्यून से बच निकलने की क्षमता: क्या ओमिक्रॉन वैक्सीनेशन या पिछले इंफेक्शन की इम्यूनिटी से बच निकलने में बेहतर है? इसके जवाब में फाउची ने 'हां' बोलते हुए कहा कि पूरी दुनिया से मिल रहा एपिडेमायोलॉजी डेटा खुद इस बात का सबूत है. फाउची ने कहा कि ओमिक्रॉन के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडीज की लैब टेस्टिंग का रिजल्ट कुछ दिनों के भीतर आ जाना चाहिए. ओमिक्रॉन की गंभीरता के सवाल पर डॉक्टर फाउची ने कहा कि ओमिक्रॉन निश्चित रूप से डेल्टा से ज्यादा खतरनाक नहीं है. उन्होंने कहा, 'ओमिक्रॉन पिछले वैरिएंट्स की तुलना में कम खतरनाक हो सकता है. अगर आप दक्षिण अफ्रीका की तरफ नजर घुमाएं तो देखेंगे कि वहां संक्रमितों की संख्या और अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या का अनुपात डेल्टा की तुलना में कम है.'

फाउची ने कहा, 'ये अच्छी बात है कि एक तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बहुत ज्यादा गंभीर हालात पैदा नहीं कर रहा है और ना ही हॉस्पिटलाइजेशन और मौत का खतरा बढ़ा रहा है. हालात उस वक्त बदतर होंगे जब तेजी से फैलने वाला वैरिएंट गंभीर बीमारी का कारण बनेगा. मुझे नहीं लगता है कि ऐसी कोई खराब स्थिति आने वाली है. लेकिन आप इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते हैं.' कोरोना का नया वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में डिटेक्ट किया गया था. लेकिन अब यह तकरीबन 38 देशों में फैल चुका है. नया वैरिएंट आने के बाद मौजूदा वैक्सीन की क्षमताओं पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. हालंकि, नए वैरिएंट से मौत का एक भी मामला नहीं जोड़ा गया है. इस वैरिएंट में 50 से ज्यादा म्यूटेशन हैं और ये लॉस ऑफ टेस्ट एंड स्मैल या सांस में तकलीफ जैसे लक्षणों को भी ट्रिगर नहीं करता है.

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