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सर्दी के मौसम में भी लड़कियां शॉर्ट कपड़े में आराम से घूम सकती है, रिसर्च में हुआ खुलासा

Neha Dani
28 Jan 2022 2:20 AM GMT
सर्दी के मौसम में भी लड़कियां शॉर्ट कपड़े में आराम से घूम सकती है, रिसर्च में हुआ खुलासा
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खुद को ऑब्जेक्ट के रूप में पेश करने वाली महिलाओं को सर्दी का अहसास नहीं या कम हो रहा था.

भारत समेत दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां कड़ाके की सर्दी पड़ती है. इन दिनों भारत के कई राज्यों में भी भीषण शीतलहर चल रही है. लेकिन आपने नोटिस किया होगा कि सर्दियों के मौसम में जहां कई लोग ठिठुरते हैं, वहीं लड़कियां शॉर्ट कपड़े पहने आराम से घूमती हैं. खासतौर पर ऐसा पार्टियों में देखने को मिलता है. ये सब देखकर आपके मन में भी जरूर सवाल उठता होगा, क्या इन्हें ठंड नहीं लगती? हालांकि अब इस सवाल का जवाब ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को खोज निकाला है.

रिसर्च में हुआ खुलासा
द मिरर में छपी एक खबर के अनुसार, इस टॉपिक पर वैज्ञानिकों ने बकायदा रिसर्च की है. इस रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है.ये रिपोर्ट ब्रिटिश जर्नल ऑफ सोशल साइकोलॉजी में पब्लिश हुई है. इस रिपोर्ट में बताया गया कि जब आप हॉट दिखते हैं तो इसका ये मतलब नहीं है कि आपको ठंड ही नहीं लगती है. यहां ये चीज ज्यादा मायने रखती है कि जब आप बाहर निकलते हैं तो आपका फोकस किस पर ज्यादा होता है. रिसर्च में पाया गया कि जब महिलाएं ठंड या रात में छोटे कपड़े पहनकर बाहर निकलती हैं तो उनका पूरा फोकस हॉट दिखने पर होता है. पूरे समय उनका ध्यान इसी बात पर होता है कि वह सबके सामने कैसी दिख रही हैं.
ठंड लगना है प्रॉयोरिटी पर भी निर्भर
साउथ फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के सोशल साइकोलॉजी स्कॉलर फेलिग ने कहा कि ये रिसर्च काफी हद तक रैपर कार्डी बी के 2014 के दावे पर बेस्ड है. उनके अनुसार ठंड लगना आपकी प्रॉयोरिटी पर भी निर्भर करता है. इसलिए जब महिलाएं खुद को अच्छा दिखाने में व्यस्त होती हैं तो उन्हें इस बात की परवाह नहीं होती कि वह कितनी भूखी है या उन्हें कितनी ठंड लग रही है.
महिलाओं ने खुद इंटरव्यू में कही ये बात
इस टॉपिक पर रिसर्च करने वाली टीम ने फ्लोरिडा में महिलाओं का इंटरव्यू भी लिया. यहां महिलाएं फ्लोरिडा की ठंड वाली रातों में क्लब जाने की तैयारी कर रही थी. वहां टेंम्परेचर 4 डिग्री सेल्सियस और 10 डिग्री सेल्सियस के मध्य था. ऐसे में जब उनसे ठंड न लगने वाला सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि उनका सेल्फ ऑब्जेक्टिफिकेशन पर ज्यादा फोकस रहता है. ऐसे में वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे कि खुद को ऑब्जेक्ट के रूप में पेश करने वाली महिलाओं को सर्दी का अहसास नहीं या कम हो रहा था.


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