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यूरोपियन यूनियन का आरोप, पश्चिमी वैक्सीन को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं रूस और चीन

Deepa Sahu
29 April 2021 1:25 PM GMT
यूरोपियन यूनियन का आरोप, पश्चिमी वैक्सीन को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं रूस और चीन
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यूरोपियन यूनियन (ईयू) की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: यूरोपियन यूनियन (ईयू) की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि चीन और रूस के मीडिया संस्थान नियोजित ढंग से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बने पश्चिमी वैक्सीन को लेकर अविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। वे इसके लिए दुष्प्रचार अभियान चला रहे हैं। उनका मकसद वैक्सीन के मुद्दे पर पश्चिमी देशों में मतभेद पैदा करना है। इस बारे में ईयू की तरफ से कराए गए अध्ययन की रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई।

इसमें कहा गया है कि चीन और रूस के मीडिया संस्थानों ने पिछले दिसंबर से लेकर अप्रैल के बीच में कई भाषाओं में ऑनलाइन माध्यमों पर 'फेक न्यूज' डाले। इनमें पश्चिमी देशों में तैयार हुए वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर 'बेबुनियाद और सनसनीखेज' सूचनाएं डाली गईं। वैक्सीन से हुई मौतों की निराधार बातें इन खबरों में शामिल की गईं। यूरोपीय मीडिया में रूस और चीन पर आरोप लगाते हुए इस तरह की चर्चा पहले भी हुई हैं। कई बार यूरोपीय देशों की तरफ से इस संबंध में गूगल, फेसबुक, ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट से शिकायत की गई है।
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) और चीन ने ऐसे तमाम आरोपों का खंडन किया है। चीन ने कुछ समय पहले पश्चिमी मीडिया पर चीन की वैक्सीन रणनीति को लेकर गलत खबरें देने का आरोप लगाया था। लेकिन ईयू की रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और चीन की वैक्सीन डिप्लोमैसी हार-जीत के नजरिए वाली है। इसके लिए दुष्प्रचार और ऐसे तौर-तरीकों का सहारा लिया गया है, ताकि पश्चिम में बने वैक्सीन में लोगों का भरोसा घटे। ये रिपोर्ट यूरोपियन यूनियन की विदेश नीति संबंधी एजेंसी ने जारी की। इसमें कहा गया है- रूस और चीन अपने मकसद को पाने के लिए अपने सरकारी मीडिया, सरकारी प्रचार करने वाले मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया अकाउंट्स का उपयोग कर रहे हैं। गौरतलब है कि ईयू पहले भी रूस पर पश्चिमी देशों को अस्थिर करने के लिए दुष्प्रचार फैलाने और दूसरे तरह की गुपचुप कार्रवाइयां करने का आरोप लगाता रहा है।
अब जारी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनिका कंपनी के वैक्सीन की सप्लाई को लेकर उठे विवाद और जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के वैक्सीन के साइट इफेक्ट्स की खबरों का रूस और चीन ने फायदा उठाने की कोशिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है- 'चीन के सरकारी चैनलों और क्रेमलिन समर्थक मीडिया ने कथित साइड इफेक्ट्स को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया। उन्होंने नॉर्वे, स्पेन और दूसरी जगहों पर हुई मौतों के बारे में खबरों को गलत ढंग से प्रसारित किया और इसे सनसनीखेज रूप देने की कोशिश की।'
ब्रिटेन में टीकाकरण तेजी से हुआ है। इसकी तुलना में ईयू काफी पिछड़ा हुआ है। ईयू की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी मीडिया ने इस खबर को यह कह कर प्रसारित किया कि ब्रेग्जिट के कारण ब्रिटेन वैक्सीन की उस अफरा-तफरी से बच गया, जिसमें ईयू फंसा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ऐसी बातें फैलाई गई हैं, जिनका मकसद यूरोपियन मेडिसीन एजेंसी (ईएमए) में लोगों का विश्वास घटाना है। रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी तरफ चीन ने अपने वैक्सीन को दुनिया की भलाई के लिए तैयार किया गया बता कर प्रचार अभियान चलाया है। उसने दावा किया है कि उसके वैक्सीन विकासशील देशों और पश्चिमी बाल्कन देशों के अधिक माफिक हैं।


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