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यूरोपियन इंवेंटर अवॉर्ड 2021: भारतवंशी रसायनशास्त्री सुमिता मित्रा को मिला सम्मान

Deepa Sahu
18 Jun 2021 1:37 PM GMT
यूरोपियन इंवेंटर अवॉर्ड 2021: भारतवंशी रसायनशास्त्री सुमिता मित्रा को मिला सम्मान
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भारतीय-अमेरिकी रसायनशास्त्री सुमिता मित्रा ने यूरोप में नवोन्मेष के लिए दिए जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक जीता है।

भारतीय-अमेरिकी रसायनशास्त्री सुमिता मित्रा ने यूरोप में नवोन्मेष के लिए दिए जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक जीता है। यह पुरस्कार उन्हें नैनो प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से दांतों को और मजबूत बनाने के लिए उनके द्वारा किए गए काम को लेकर दिया गया। उनके द्वारा बताई गई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अब दुनियाभर के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है।

दांतों की फिलिंग में नैनोक्ल्स्टर का इस्तेमाल
यूरोपियन पेटेंट ऑफिस (ईपीओ) ने एक बयान में कहा कि इस अनुसंधान में पाया गया है कि नैनोक्लस्टर का इस्तेमाल दांतों की फिलिंग के लिए किया जा सकता है। इसके माध्यम से एक मजबूत, टिकाऊ और देखने में सुखद एहसास वाली फिलिंग (दांतों के बीच छेद या गड्ढों को भरने के लिये इस्तेमाल होने वाला पदार्थ) मिला। मित्रा ने "गैर-यूरोपीय पेटेंट ऑफिस देशों" की श्रेणी में यूरोपियन इंवेंटर अवॉर्ड 2021 जीता।
एक अरब लोगों के इलाज में किया इस्तेमाल
ईपीओ के बयान में कहा गया कि मित्रा द्वारा तैयार सामग्री से कई तरह की मुश्किलें दूर होंगी जो पहले दांतों की 'फिलिंग' करते वक्त आती थीं। या तो वे बहुत कमजोर होती थीं और इसकी वजह से दांतों से कुछ काटना मुश्किल था। साथ ही उनकी चमक भी जल्द ही फीकी पड़ जाती थी। बयान में कहा गया कि उनके द्वारा बनाई गई इस तकनीक का इस्तेमाल दुनिया भर में एक अरब से लोगों के दांतों के उपचार में सफलतापूर्वक किया जा चुका है।
फिल्टेक टीएम सुप्रीम का वाणिज्यिक इस्तेमाल 2002 में शुरू हुआ
अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी 3एम के 'ओरल केयर डिविजन' (मुंह की देखभाल संबंधी इकाई) में काम करते हुए मित्रा ने पहले मौजूद तकनीक के विकल्प की तलाश का संकल्प लिया था। मित्रा के इस नई तकनीक से तैयार फिलर 'फिल्टेक टीएम सुप्रीम' का वाणिज्यिक उपयोग 3एम द्वारा 2002 में शुरू किया गया था।
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