विश्व
यूरोप एक साल बाद फिर कोरोना का एपीसेंटर बनने की राह पर, 1 वीक में 18 लाख केस, 24 हजार मौते
Renuka Sahu
6 Nov 2021 2:30 AM GMT
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फाइल फोटो
यूरोप में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूरोप में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि फरवरी, 2022 तक पूरे यूरोप में पांच लाख और लोगों के मारे जाने की आशंका है। इस तरह से यूरोप एक साल बाद फिर कोरोना का एपीसेंटर बनने की राह पर है। फिलहाल इसका अधिकांश हिस्सा संक्रमणों से जूझ रहा है।
53 देशों में संक्रमण की दर में वृद्धि
यूरोप में डब्ल्यूएचओ के निदेश हैन्स क्लूज ने कहा कि संघ के 53 देशों में संक्रमण की वर्तमान दर गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार अगर वर्तमान स्थिति जारी रही तो अगले वर्ष (2022) फरवरी तक करीब और पांच लाख लोगों की कोरोना से मौत होगी। उन्होंने कहा कि पिछले एक हफ्ते में 53 देशों में कोरोना के कारण लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है।
इस हफ्ते में 18 लाख मामले
क्लूज ने कहा कि यूरोप में इस हफ्ते कोरोना के 18 लाख मामले सामने आए हैं। ये पिछले साल की तुलना में छह फीसदी ज्यादा है। वहीं, कोरोना से इस हफ्ते 24 हजार लोगों की मौत हुई है। यह पिछले हफ्ते की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा है। यूरोप में लगातार पांचवें हफ्ते कोरोना के केस बढ़े हैं। यूरोप में एक लाख लोगों पर 192 केस सामने आ रहे हैं।
जर्मनी में सबसे ज्यादा मरीज
जर्मनी में गुरुवार को महामारी शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा नए मामले सामने आए। जर्मनी में गुरुवार को 33,949 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं शुक्रवार को 37 हजार नए मामले सामने आए। नए मामले पिछले साल का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन बुधवार को कहा कि जिन लोगों ने टीका नहीं लगाया उनमें कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी को रोकने के लिए टीके की दोनों डोज लेनी होगी। अन्यथा मामले बढ़ते रहेंगे।
ग्रीस ने सख्ती बढ़ाई
ग्रीस सरकार ने टीका न लेने वाले लोगों के लिए प्रतिबंध की घोषणा की है। सप्ताह में दो बार कोविड-19 परीक्षण और सार्वजनिक सेवाओं, बैंकों, दुकानों और अन्य स्थानों तक पहुंचने के लिए निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। इसके साथ ही सरकार ने गैर-अनुपालन वाले व्यवसायों के लिए जुर्माना भी बढ़ाया है।
नई लहर आने के कारण :
क्लूज ने कहा कि नई लहर आने के तीन कारण है। उन्होंने कहा कि अगर लोगों ने अब इस ध्यान नहीं दिया तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
1. प्रतिबंध में ढील : सरकार ने कोविड-19 के उपायों में छूट दे है। इस वजह से लोग भी बेपरवाह होकर सड़कों पर निकलने लगे। सरकार इसका प्रबंधन सही तरीके से नहीं कर पाई। इस वजह से यूरोप में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं।
2. कम टीकाकरण : यूरोप में टीकाकरण की दर धीमी है। अमूमन यह देखा गया है कि कम टीके वाले देशों में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर स्पष्ट रूप से अधिक है। इतना ही नहीं इन देशों में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
3. वायरस के फैलाव को रोकने वाले उपायों और कुछ क्षेत्रों में टीकाकरण की कम दर ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मामले को काबू में करने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का सही से पालन कराना होगा।
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