अफगानिस्तान में जहां तालिबान और अफगान सेना के बीच भीषण जंग जारी है वहीं तालिबान नेताओं के चीन से रिश्ते बढ़ाने के बीच यूरोपीय संघ (ईयू) ने अपना सख्त रुख स्पष्ट किया है।
ईयू ने कहा है कि अफगानिस्तान में यदि तालिबान सत्ता पाने में कामयाब होता है तब भी वह उसे किसी भी सूरत में मान्यता नहीं देगा। इस बीच, अफगान सेना ने पिछले 48 घंटों में 300 के करीब आतंकी मार गिराए हैं।
अफगानिस्तान के लिए ईयू प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख थॉमस निकोलसन ने तालिबान के बढ़ते कदमों पर चिंता जताते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, हम यथासंभव अफगानिस्तान के विकास में योगदान देते हुए सियासी तौर पर मौजूदा हालात का समाधान निकालने में भी शामिल होंगे। लेकिन यदि तालिबान 1990 की तरह ही इस्लामी अमीरात की योजना देता है तो इसे मंजूर नहीं किया जाएगा।
हालांकि उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर वार्ता के लिए तालिबान की तरफ से ईयू को कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उधर, अफगानिस्तान रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अफगान बलों ने गजनी, कंधार, हेरात, फराह, जोज्जान, बल्ख, समांगन, हेलमंद, तखर, कुंदुज, बगलान, काबुल और कपिसा में अभियान चलाकर शनिवार से अब तक 300 के आसपास आतंकी ढेर किए हैं। जबकि तालिबान ने 10 सीमा क्रॉसिंग प्रांतों पर भी कब्जा कर लिया है।
कनाडा के पूर्व मंत्री ने पाकिस्तान पर अफगानिस्तान में 'छद्म युद्ध' में शामिल होने का लगाया आरोप
कनाडा के पूर्व मंत्री एवं राजनयिक क्रिस एलेक्जेंडर ने पाकिस्तान पर छद्म युद्ध और युद्ध अपराधों में संलिप्त होने तथा पड़ोसी अफगानिस्तान के खिलाफ आक्रामक कृत्य में शामिल होने का आरोप लगाया है।
2013 से 2015 तक कनाडा के नागरिकता एवं आव्रजन मंत्री रहे क्रिस ने कहा, तालिबान लड़ाके पाकिस्तान से अफगानिस्तान सीमा पार करने के लिए इंतजार कर रहे हैं... अफगानिस्तान के खिलाफ पाक 'आक्रामक कृत्य' में संलिप्त है और छद्म युद्ध में शामिल है। क्रिस के इस ट्वीट पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बौखलाते हुए इसे पूर्व मंत्री का भ्रामक दावा करार दिया।
अफगान सीमा पर रूस-उज्बेकिस्तान सैन्य अभ्यास शुरू
अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच रूस और उज्बेकिस्तान के सैनिकों ने सोमवार को अफगान सीमा के पास संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया। रूस ने कहा कि इस पांच दिनी युद्धाभ्यास में 1,500 रूसी और उज्बेक सैनिक हिस्सा लेंगे।
अफगानिस्तान में संभावित खतरे को लेकर रूस कितना गंभीर है इसका संकेत इस बात से मिलता है कि इस त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास के लिए वह ताजिकिस्तान को बड़ा सैन्य बल भेजेगा जिसकी सीमा तालिबान द्वारा कब्जे में लिए गए इलाके से लगती है।
अचानक अमेरिकी सैन्य वापसी से बिगड़े हालात : गनी
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ते सुरक्षा हालात के लिए अमेरिका द्वारा अपने सैनिकों को अचानक वापस लेने के फैसले को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन कहा कि हमारी सरकार की योजना छह माह में परिस्थितियों पर नियंत्रण करने की थी।
उन्होंने कहा, हमारे पार छह माह में हालात काबू में करने की योजना का अमेरिका ने समर्थन भी किया। गनी ने कहा, तालिबान तब तक शांति का रुख नहीं करेगा जब तक सुरक्षा के बिगड़ते हालात पर अंकुश नहीं लगाया जाता।
तालिबान को मदद के खिलाफ न्यूयॉर्क में पाक विरोधी रैली
पख्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) ने अली वजीर की अवैध नजरबंदी और अफगानिस्तान में पाकिस्तान के छद्म युद्ध के खिलाफ न्यूयॉर्क में विरोध प्रदर्शन किया। पीटीएम के मुताबिक कनेक्टिकट और न्यूयॉर्क में पार्टी ने कार रैली निकाली और पाक विरोधी प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने अली वजीर की तत्काल रिहाई और अफगानिस्तान में पाकिस्तानी छद्म युद्ध खत्म करने की मांग की। उन्होंने अली वजीर की लगातार नजरबंदी को अवैध बताया है क्योंकि नजरबंदी का आदेश जनरल बाजवा ने दिया है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान में अदालतें स्वतंत्र नहीं हैं।