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संक्रमणकालीन सरकार में बलपूर्वक किसी भी परिवर्तन से अमेरिकी सहायता पर असर पड़ सकता है.’
सूडान (Sudan) के सैन्य बलों ने देश के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक (Abdalla Hamdok) को नजरबंद कर दिया है. देश का नेतृत्व करने वाले कई अन्य सदस्यों को भी हिरासत में ले लिया गया है. इसे तख्तापलट (Sudan Coup) के रूप में देखा जा रहा है. लेटेस्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैनिकों ने सूडान टीवी और रेडियो के मुख्यालय पर धावा बोल दिया और स्टाफ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. दूसरी ओर, प्रधानमंत्री के अभी वर्तमान ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस बीच, सूडान के सरकारी न्यूज चैनल ने देशभक्ति वाले गाने बजाए और नील नदी के दृश्यों को दिखाया.
सूडान में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है और सेना ने पुलों को बंद कर दिया है.
हजारों लोगों की भीड़ राजधानी खार्तूम और ओमडुरमैन की सड़कों पर उतर आए हैं. ऑनलाइन शेयर किए गए तस्वीरों में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को ब्लॉक कर दिया है और टायरों को आग लगा रहे हैं. वहीं, सुरक्षा बल के जवान लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं.
देश के मुख्य लोकतंत्र समर्थक समूह और सबसे बड़े राजनीतिक दल ने अलग-अलग अपीलों में लोगों से 'सैन्य तख्तापलट' का मुकाबला करने के लिए सड़कों पर उतरने का आग्रह किया.
हॉर्न ऑफ अफ्रीका में अमेरिका के विशेष दूत जेफरी फेल्टमैन ने कहा कि सैन्य कब्जे की खबरों से वाशिंगटन चिंतित है.
अरब लीग ने भी सूडान के घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की. अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घीत ने सभी पक्षों से राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को हटाने के बाद ट्रांजिशन के तहत हुए अगस्त 2019 के सत्ता-साझाकरण समझौते का पालन करने का आग्रह किया.
इस बीच सूडान के पूर्व विद्रोही नेता अरमान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दावा किया है कि उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में लिए गए सरकारी सदस्यों में उद्योग मंत्री इब्राहिम अल-शेख, सूचना मंत्री हमजा बलौल और देश के सत्तारूढ़ ट्रांजिशन बॉडी के सदस्य मोहम्मद अल-फिकी सुलेमान और फैसल मोहम्मद सालेह शामिल हैं.
यूरोपीय संघ और अमेरिका ने जतायी चिंता
सूडान में सैन्य तख्तापलट की आशंकाओं पर यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने सोमवार को ट्वीट किया कि सूडान में सैन्य बलों द्वारा अंतरिम प्रधानमंत्री सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लेने की खबर अत्यधिक चिंतित करने वाली है और वह उत्तर पूर्व अफ्रीकी राष्ट्र में घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं. बोरेल ने लंबे समय तक शासक रहे उमर अल-बशीर के 2019 में सत्ता से हटने के बाद सूडान के निरंकुशता से लोकतंत्र की दिशा में बढ़ने का जिक्र करते हुए लिखा, यूरोपीय संघ सभी हितधारकों और क्षेत्रीय भागीदारों से लोकतांत्रिक शासन को वापस लाने का आह्वान करता है.
इससे पहले, 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' के लिए अमेरिकी विशेष दूत जेफरी फेल्टमैन ने कहा, अमेरिका इससे बेहद चिंति है और उसने संकेत दिया था कि सैन्य तख्तापलट से इस गरीब देश को अमेरिकी सहायता पर असर पड़ेगा. 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' में जिबूती, इरिट्रिया, इथियोपिया और सोमालिया शामिल हैं. 'यूएस ब्यूरो ऑफ अफ्रीकन अफेयर्स' ने ट्विटर पर लिखा, 'जैसा हमने बार-बार कहा है, संक्रमणकालीन सरकार में बलपूर्वक किसी भी परिवर्तन से अमेरिकी सहायता पर असर पड़ सकता है.'
Neha Dani
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