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यूरोपीय संघ ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस को दिए 35 बिलियन यूरो

Neha Dani
7 April 2022 5:50 AM GMT
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस को दिए 35 बिलियन यूरो
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रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों को लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।

ब्रसेल्स: यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से यूरोपीय संघ ने रूस को ऊर्जा जरूरतों के लिए हर दिन लगभग 1 बिलियन यूरो का भुगतान किया है। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख ने स्वीकार किया है कि 24 फरवरी के बाद से रूस को 35 बिलियन यूरो का भुगतान किया गया है। जोसेप बोरेल ने यूरोपीय संसद को बताया कि यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता राशि रूसी गैस और तेल पर खर्च की गई राशि की तुलना में कम है। यूरोपीय संघ ने अभी तक यूक्रेन को सिर्फ 1 बिलियन यूरो के सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की है। जोसेप बोरेल ने रूस के खिलाफ तेल और गैस आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की वकालत भी की।

EU ने यूक्रेन को दी 1 बिलियन यूरो की मदद
उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन को 1 बिलियन यूरो दिए हैं। हमें यूक्रेन को हथियार देना जारी रखना होगा ... और अधिक हथियार, यही यूक्रेनियन हमसे उम्मीद करते हैं। बोरेल के अनुसार, 24 फरवरी को यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने के बाद से 27 देशों के मजबूत संघ ने रूस को 35 बिलियन यूरो के आसपास भुगतान किया है। रूस यूक्रेन संघर्ष को शुरू हुए 41 दिन हो चुके हैं। इसका मतलब है कि रूसी टैंकों के यूक्रेनी सीमा पर तैनात होने के बाद यूरोप से पुतिन के खजाने में लगभग 850 मिलियन यूरो जमा हुए हैं।
रूस के खिलाफ कई कड़े प्रतिबंध लगा चुका है ईयू
यूरोपीय संघ यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की लगातार निंदा कर रहा है। संघ ने रूस के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान भी किया है। इसमें रूस के बैंकों को स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से बाहर करने, रूसी संपत्तियों को जब्त करने और रूसी विमानों की आवाजाही को रोकना प्रमुख है। इसके बावजूद यूरोपीय संघ के कई देश अब भी रूस के तेल और गैस पर निर्भर हैं। इनमें जर्मनी और ऑस्ट्रिया प्रमुख हैं।
रूसी तेल और गैस आयात पर पूर्ण प्रतिबंध की तैयारी
यूरोपीय आयोग के प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने संसद को बताया कि यूरोपीय संघ रूस के खिलाफ और अधिक प्रतिबंध लगाएगा। इसमें रूस से तेल और गैस के आयात को प्रतिबंधित करने का फैसला भी किया जा सकता है। अब तक यूरोप आर्थिक मंदी के कारण रूस की तेल और गैस सप्लाई पर प्रतिबंध लगाने से पीछे हट रहा था। लेकिन, यूक्रेन में बड़े पैमाने पर आम लोगों की हत्याओं ने रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों को लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।

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