रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के बाद यूरोपीय यूनियन (ईयू) अब सीधे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। उनकी यूरोप के 27 देशों में मौजूद संपत्ति जब्त करने जा रहा है। इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को ब्रसेल्स में हुई बैठक में काफी हद तक सहमति बन गई है। इस बाबत जल्द घोषणा हो सकती है।लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री जीन एसीबोर्न ने बताया कि ईयू के सभी 27 देशों के विदेश मंत्री रूस पर नए प्रतिबंधों पर विचार करने के लिए एकत्रित हुए थे, तभी पुतिन पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई।
संपत्तियां जब्त करने पर भी विचार
पुतिन के साथ ही रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पर प्रतिबंध लगाने और उनकी संपत्ति जब्त करने पर भी विचार हुआ। यूक्रेन पर हमले के लिए पुतिन और लावरोव को जिम्मेदार मानते हुए प्रतिबंध लगाने पर जल्द समझौता हो सकता है। लेकिन इस प्रतिबंध में दोनों की यात्रा पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। क्योंकि किसी भी तरह की शांति वार्ता के लिए दोनों नेताओं की जरूरत पड़ सकती है।
लग सकते हैं कई और प्रतिबंध
इसके अतिरिक्त रूस पर कई और प्रतिबंध लग सकते हैं। नए प्रतिबंधों से रूस का विदेश व्यापार बहुत मुश्किल हो जाएगा। इससे पहले पूर्वी यूक्रेन के दो प्रांतों-डोनेस्क और लुहांस्क को स्वतंत्र देश का दर्जा देने पर भी ईयू ने रूस पर प्रतिबंध लगाया है। क्रीमिया पर कब्जे के बाद से भी रूस यूरोपीय देशों के कई प्रतिबंध झेल रहा है।
रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ईयू से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की है जिससे वह अपने हमले रोकने के लिए बाध्य हो जाए। ईयू ने जेलेंस्की को आश्वस्त किया है कि वह जल्द ही इस आशय की घोषणा करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी गुरुवार रात जेलेंस्की से फोन पर बात कर उन्हें रूस के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए आश्वस्त किया है।
व्हाइट हाउस के उच्चाधिकारी दलीप सिंह ने कहा है कि अमेरिका सहयोगी देशों के साथ मिलकर रूस पर प्रतिबंधों का मसौदा तैयार कर रहा है। इस मसौदे के अनुसार प्रतिबंधों की जल्द घोषणा की जाएगी। इसके बाद रूस वैश्विक अर्थव्यवस्था में हाशिये में आ जाएगा। उसे किसी भी देश के साथ व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा। तकनीक का लेन-देन करना असंभव हो जाएगा। नए प्रतिबंधों से रूस का निर्यात गंभीर रूप से प्रभावित होगा।