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- 100 दिन बाद भी धधक रहा...
यूरोप के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत की एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी शेयर की जा रही है। इस तस्वीर में ज्वालामुखी से उठते हुए धुएं गुबार के विहंगम दृश्य को देखा जा सकता है। इस धुएं के गुबार का फैलाव सैकड़ों मीटर दूर तक है। इसके साथ ही जहां से यह धुआं निकल रहा है वहां धधकते ज्वालामुखी की आग दिखाई देती है। आग के कारण बनने वाली रोशनी से इसके लावे की अत्यधिक गर्म होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। आइए इससे जुड़े कुछ और तथ्यों को जानते हैं।
ऊंचाई : 3329 मीटर (10922 फुट) ऊंचे इटली के सिसली स्थित एटना पर्वत ज्वालामुखी में सोमवार से फिर लावा निकल रहा है। इससे आसमान में नजारा आतिशबाजी जैसा है। इसमें लगातार बदलाव होता रहता है। यह यूरोप का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत है।
12 किलोमीटर ऊंचाई तक जा पहुंचा था इसी साल फरवरी में विस्फोट के दौरान इस ज्वालामुखी से निकला लावा। एटना में सबसे ऊंची चोटी 10,9000 फुट है।
कुछ महीने शांति के बाद इसमें फरवरी में विस्फोट हुआ तो लावा इतनी तेज गति से निकला कि पूर्वी सिसली के ऊपर राख से 12 किलोमीटर ऊंचा बादल बन गया।
इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जिओफिजिक्स एंड वलकेनोलॉजी के मुताबिक, माउंट एटना में सबसे ऊंची चोटी 10,9000 फुट है। इसमें हर साल 100 फुट का इजाफा होता है। 2021 में यह ज्यादा सक्रिय था।
माना जाता है कि माउंट एटना तीन लाख साल पुराना है। इसमें सबसे बड़ा विस्फोट 1669 में हुआ था। इससे निकला लावा द्वीप के सबसे बड़े शहर केटानिया तक जा पहुंचा था। इससे वहां रहने वाले सैकड़ों समुदाय प्रभावित हुए थे। इसके लावे को हटाने के लिए 1983 में डाइनामाइट का इस्तेमाल करना पड़ा था। वर्ष 1992 में सेना ने इससे निकलने वाले लावे से आसपास के इलाकों में तबाही से बचने के लिए एक दीवार का निर्माण कर दिया। इसके बाद इसका लावा राख बनने के बाद द्वीप के घरों में धूल तो भर देता है, लेकिन कोई अन्य नुकसान नहीं होता। इस राख से इलाके की मिट्टी उपजाऊ बन गई है।