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इथियोपिया ने फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, जूम जैसे ऑनलाइन माध्यमों का स्वदेशी विकल्प बनाने की घोषणा की....

Neha Dani
24 Aug 2021 2:26 AM GMT
इथियोपिया ने फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, जूम जैसे ऑनलाइन माध्यमों का स्वदेशी विकल्प बनाने की घोषणा की....
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सोशल मीडिया कंपनियों को नियंत्रित करने पर गंभीर कदम उठाने की मांग बढ़ी है।

इथियोपिया ने फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, जूम जैसे ऑनलाइन माध्यमों का स्वदेशी विकल्प बनाने की घोषणा की है। सरकार ने कहा, फेसबुक सहित विभिन्न सोशल मीडिया कंपनियां इथियोपिया की सच्चाई दिखाते और एकता की बात करते पोस्ट व अकाउंट ब्लॉक और डिलीट करती हैं। वह नया विकल्प स्वदेशी तकनीक से अपने नागरिकों को मुहैया करवाएगी।

इथियोपिया सरकार का टीपीएलएफ के साथ सशस्त्र संघर्ष जारी
पिछले एक वर्ष से इथियोपिया सरकार का टिगरी पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) के साथ सशस्त्र संघर्ष जारी है। इस फ्रंट का नियंत्रण देश के उत्तर में स्थित टिगरी क्षेत्र में है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के समर्थक भी लगातार शब्दों से युद्धरत रहते हैं।
फेसबुक पर पोस्ट व अकाउंट ब्लॉक और डिलीट करने का लगाया आरोप
इथियोपिया की सूचना नेटवर्क सुरक्षा एजेंसी के महानिदेशक शूमेट गिजॉ ने कहा कि फेसबुक ने बड़ी संख्या में इथियोपिया की एकता का समर्थन करने वाले और सच बयान करने वाले पोस्ट व यूजर अकाउंट डिलीट किए हैं।
उनका देश खुद के सोशल मीडिया माध्यम विकसित करेगा। चीन वीचैट इस्तेमाल कर सकता है, तो वे क्यों नहीं? वीचैट चीन में मुख्यालय रखने वाली टेनसेंट होल्डिंग कंपनी का बनाया है। चीनी सरकार इस मजबूत तकनीकी माध्यम से अपने नागरिकों पर नजर रखती है।
तकनीकी विशेषज्ञता है पास
शूमेट ने दावा किया कि फिलहाल नए माध्यमों का परीक्षण चल रहा है। इन्हें जल्द जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इथियोपिया के पास इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञता है। उसे बाहर से विशेषज्ञों की सेवा की जरूरत नहीं होगी।
सोशल मीडिया परलगाता है सेंसरशिप
कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने दावा किया कि इथियोपिया अक्सर सोशल मीडिया माध्यमों को ब्लॉक कर देता है। इसकी वजह भी नहीं बताता। वहीं फेसबुक, टि्वटर आदि ने सरकार की नई घोषणा पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन इसी वर्ष जून में फेसबुक ने इथियोपिया सरकार से जुड़े कई अकाउंट अपने नेटवर्क से बाहर कर उन्हें फेक करार दिया था। माना जा रहा है कि इसी के बाद से सोशल मीडिया कंपनियों को नियंत्रित करने पर गंभीर कदम उठाने की मांग बढ़ी है।

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