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जिसके बाद उसने सरेंडर करने का फैसला किया.
कोरोना ने दुनियभर में लोगों को लाइफस्टाइल को बदलकर रख दिया. लॉकडाउन के चलते कई लोगों की नौकरी गई तो काफी लोगों को आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ा. लेकिन कोरोना की वजह से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में कुछ ऐसा घटा जिसके बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा. यहां 30 साल से फरार चल रहे एक अपराधी ने खुद को सरेंडर कर दिया.
30 साल पहले जेल तोड़कर फरार
द इंडिपेंडेंट की खबर के मुताबिक 64 साल का डोरको डेसिक ग्राफ्टन जेल से साल 1992 में फरार हो गया था. फिर वह मजदूर के तौर पर नौकरी करने लगा ताकि उसकी रोजी-रोटी चलती रहे. लेकिन जून में लगे कोरोना लॉकडाउन की वजह से न सिर्फ उसकी नौकरी छिन गई बल्कि वह बेघर भी हो गया. सिडनी में लगे लॉकडाउन की वजह से उसे कई बार घुले आसमान के नीचे तक सोना पड़ा. ऐसे में उसने फैसला किया कि वह खुद को सरेंडर कर दे ताकि कम से कम सोने के लिए छत तो नसीब हो जाएगी.
पुलिस ने बताया कि शनिवार रात को वह बीच किनारे सोया था, उसने बताया कि वह इन सबसे तंग आ चुका है और जेल जाना चाहता है ताकि सिर ढकने के लिए कम से कम छत तो मिल पाएगी. उसने सिडनी के एक पुलिस स्टेशन में जाकर सरेंडर कर दिया और मंगलवार को पेशी के दौरान जमानत लेने से भी इनकार कर दिया. उसे साल 1992 में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
ऑस्टेलिया का 'मोस्ट वॉन्डेट'
डेसिक को साल 1991 में अवैध तरीके से भांग की खेती करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन जुलाई 1992 में वह जेल तोड़कर फरार हो गया और फिर साल 2008 में जाकर उसे रहने के लिए एक घर भी मिल गया था. जेल से भागने की वजह बताते हुए डेसिक ने कहा कि उसे डर था कि अपने मूल देश यूगोस्लाविया में मिलिट्री ट्रेनिंग न करने पर उसे सजा पूरी होने के बाद फिर से वहां भेज दिया जाएगा.
पुलिस के मुताबिक अपराधी ने अपना ज्यादातर वक्त सिडनी के नॉर्दन इलाके में स्थित बीच पर ही गुजारा और वहां वह लो प्रोफाइल रहकर अपनी जीवन काट रहा था. लेकिन उसे जब एक टीवी प्रोग्राम में ऑस्ट्रेलिया का मोस्ट वॉन्डेट बताया गया तो उसे काफी झटका लगा था, जिसके बाद उसने सरेंडर करने का फैसला किया.
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