विश्व

Lockdown से पर्यावरण को हुआ लाभ, 2020 में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में आई 7 फीसदी की कमी

Neha Dani
12 Dec 2020 4:24 AM GMT
Lockdown से पर्यावरण को हुआ लाभ, 2020 में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में आई 7 फीसदी की कमी
x
दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच, एक अच्छी खबर आई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच, एक अच्छी खबर आई है। कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इस साल कार्बन डाइऑक्साइड के वैश्विक उत्सर्जन में सात फीसदी तक की कमी आई है, जो अबतक सबसे ज्यादा है।

जर्नल अर्थ सिस्टम साइंस डेटा में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, उत्सर्जन पर नजर रखने वाले एक दर्जन वैज्ञानिकों के आधिकारिक समूह 'ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट' ने गणना की है कि 2020 में विश्व में 34 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा में उत्सर्जन होगा। यह 2019 की तुलना में कम है जब 36.4 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा उत्सर्जन हुआ।
महामारी के बाद उत्सर्जन बढ़ने की आशंका
वैज्ञानिकों ने कहा कि इसके कम होने की मुख्य तौर पर वजह यह रही कि लोग घरों में रहे, कार और विमान से कम यात्राएं की। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि महामारी के खत्म होने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ेगा। भूमि परिवहन से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का लगभग पांचवां हिस्सा बनाता है।
उत्सर्जन से निपटने का रास्ता लॉकडाउन कतई नहीं
ईस्ट एंजलिया विश्वविद्यालय में जलवायु वैज्ञानिक कोरिन लेक्वेरे ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का रास्ता लॉकडाउन कतई नहीं है। कुछ महीने पहले इसी समूह के वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान जताया था कि उत्सर्जन में चार से सात फीसदी की कमी आ सकती है और यह कोविड-19 महामारी पर निर्भर करता है।
लेक्वेरे ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर और यात्रा प्रतिबंध की वजह से उत्सर्जन में सात फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में उत्सर्जन में 12 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि यूरोप में 11 फीसदी की कमी आई है। मगर चीन में उत्सर्जन में 1.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसकी वजह यह है कि चीन में लॉकडाउन पहले लगाया गया था और वहां पर दूसरी लहर कम देखी गई। लेक्वेरे ने बताया कि चीन का उत्सर्जन उद्योग पर अधिक आधारित है और उसका उद्योग परिवहन की तुलना में कम प्रभावित हुआ है।
यह गणना ऊर्जा के इस्तेमाल एवं औद्योगिक उत्पाद आदि के आधार पर की गई है। बहरहाल, 2020 में विश्व ने औसतन हर दूसरे सेकंड में 1075 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड हवा में छोड़ी है।


Next Story