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कर्मचारियों को मिलेगी हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी, कैसे काम करेगा नया नियम ?

Gulabi
17 Feb 2022 12:11 PM GMT
कर्मचारियों को मिलेगी हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी, कैसे काम करेगा नया नियम ?
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कई बार हम ऐसा सोचते हैं कि काश हफ्ते में 2 नहीं बल्कि 3 दिन की छुट्टी होती
कई बार हम ऐसा सोचते हैं कि काश हफ्ते में 2 नहीं बल्कि 3 दिन (Belgium Government Introducing 3 days weekend) की छुट्टी होती ! हमारे देश में तो अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है लेकिन यूरोपियन देश बेल्जियम (Belgium Introduces 4 day Workweek) में ज़रूर कर्मचारियों को इस बात की आजादी दी गई है कि वो हफ्ते में 5 के बजाय सिर्फ 4 दिन काम करके 3 दिन की छुट्टी ले सकते हैं. इतना ही नहीं दफ्तर से निकलने के बाद उन्हें काम और बॉस को वहीं छोड़ देने की भी आज़ादी होगी.
बेल्जियम (Belgium New Labor Reform) की सरकार ने अपने देश में लेबर मार्केट रिफॉर्म्स की घोषणा की है, जिसके बाद जल्दी ही कर्मचारियों को लंबे वीकेंड और हफ्ते में 4 दिन काम करने की सहूलियत मिल सकेगी. इस दौरान कर्मचारियों की सैलरी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. इतना ही नहीं उन्हें दफ्तर से बाहर निकलने के बाद बॉस का मैसेज या कॉल नहीं देखने पर भी किसी तरह का खामियाज़ा नहीं उठाना पड़ेगा.
कैसे काम करेगा नया नियम ?
बेल्जियम के प्रधानमंत्री एलेक्ज़ेडर दि क्रू (Alexander de Croo) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस ने संशोधन के बारे में बताते हुए कहा – देश ने 2 मुश्किल साल देखे हैं. इस समझौते के तहत एक प्रयोगात्मक, डिजिटल और सस्टेनेबल अर्थव्यवस्था तैयार की जाएगी. इसका लक्ष्य बिजनेस और लोगों को मजबूत बनाना है. अब कर्मचारियों को खुद ये फैसला करना होगा कि वे 4 दिन के वर्कडे में अधिक काम करके अपने लिए 3 वीकेंड लेना चाहते हैं या फिर हफ्ते में 5 दिन काम करना चाहते हैं. कुल मिलाकर उन्हें हफ्ते में 38 घंटे काम करना होगा, चाहे 4 या फिर 5 दिन में. खुद कर्मचारी अपने लिए बेहतर वर्क शेड्यूल की मांग कर सकते हैं. हालांकि इस पर आखिरी फैसला कंपनी या एम्प्लॉयर का ही होगा. अगर वे कर्मचारी की रिक्वेस्ट को नहीं मानते हैं तो उन्हें इसका एक वाजिब कारण सरकार के सामने पेश करना होगा.
क्या होगा फायदा ?
बेल्जियम के श्रम मंत्री पियरे युविस डर्मैजन (Pierre-Yves Dermagne) के मुताबिक इस तरह की व्यवस्था से लोगों को उनके परिवार और बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताने का मौका दिया जा रहा है. इससे खास तौर पर तलाकशुदा और अलग रहने वाले पैरेंट्स को बच्चों की देखभाल का समय मिल पाएगा. ये नियम देश के उन सभी संस्थानों पर लागू होगा, जहां 20 लोगों का स्टाफ काम करता है. पहले कर्मचारी 6 महीने तक इस व्यवस्था में काम करेंगे और फिर वे तय करेंगे कि उन्हें पुराने सिस्टम पर वापस जाना है या फिर इसे आगे भी लागू रखना है. इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारियों की तरह ही प्राइवेट कर्मचारियों को भी दफ्तर के बाद काम से जुड़े मैसेज और कॉल नज़रअंदाज़ करने का अधिकार होगा.
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