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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए दी जोर, कहा- महिलाओं के खिलाफ हिंसा में शामिल आतंकी संस्थाओं की बनाएं सूची

Neha Dani
30 Oct 2020 5:14 AM GMT
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए दी जोर, कहा- महिलाओं के खिलाफ हिंसा में शामिल आतंकी संस्थाओं की बनाएं सूची
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में शामिल |

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में शामिल आतंकवादी संस्थाओं को सूचीबद्ध करने सहित प्रतिबंधों की व्यवस्था में महिलाओं, शांति और सुरक्षा विचारों को प्रभावी ढंग से एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

भारत ने गुरुवार को महिला, शांति और सुरक्षा मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में खुली बहस के दौरान एक बयान में कहा, "आतंकवादियों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की हमें कड़ी निंदा करनी चाहिए। महिलाओं को लक्ष्य बनाने वाली हिंसा उस आधार को तहस-नहस कर देती है जिस पर सभ्य समाज टिका हुआ है।

भारत ने कहा कि संघर्ष के बाद की स्थितियों में लोकतांत्रिक संरचनाओं और कानून का शासन महिलाओं के साथ हो रही असमानताओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही यह शांतिपूर्ण और समावेशी विकास के लिए उनकी पूर्ण और सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करेगा।

भारत ने कहा, यह भी महत्वपूर्ण है कि परिषद सशस्त्र संघर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में शामिल आतंकवादी संस्थाओं को सूचीबद्ध करने सहित प्रतिबंधों में डब्ल्यूपीएस (महिला, शांति और सुरक्षा) विचारों को प्रभावी ढंग से एकीकृत करने का प्रयास करे।

भारत ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों की प्रगति में संघर्ष और मानवीय संकट की स्थिति पहले से ही बाधा है।

भारत ने आगे कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं और कोविड-19 की वजह से आए आर्थिक संकट के कारण युद्ध के खतरे, नाजुक और मानवीय संदर्भों ने महिलाओं और लड़कियों को खतरे में डाल दिया है।

भारत ने कहा कि एक्शन फॉर पीसकीपिंग पहल के माध्यम से सदस्य देश पीसकीपिंग में नागरिक और वर्दीधारी महिलाओं की संख्या बढ़ाकर महिलाओं, शांति और सुरक्षा के एजेंडे को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद, महिलाओं का प्रतिनिधित्व सेना में सिर्फ 5.4 फीसदी और पीसकीपिंग अभियानों में 15.1 फीसदी हैं।

भारत ने शांति और सुरक्षा मुद्दों में महिलाओं की सार्थक भागीदारी के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही कहा कि महिलाओं के नेतृत्व और राजनीतिक भागीदारी को मुख्यधारा में लाने का अनुभव उसे भविष्य के कार्यों के लिए प्रेरित करता रहेगा।


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