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एक छोटे से रुकावट के साथ प्रधानमंत्री के रूप में देश की सत्ता संभाली.
कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) रविवार को इस बात का ऐलान करेंगे कि वह 20 सितंबर को चुनाव (Snap Election) करवाएंगे. ये चुनाव अपने तय पर होने वाले चुनावों से पहले होने वाले हैं. इस मामले से परिचित व्यक्ति ने एसोसिएटेड प्रेस को इसकी जानकारी दी. सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर गुरुवार को चुनाव की तारीखों की पुष्टि की. ट्रूडो संसद में अधिकांश सीटें जीतने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी लिबरल पार्टी दो साल पहले बहुमत हासिल करने से रह गई थी और फिर उन्हें कानून पारित करवाने के लिए विपक्ष पर निर्भर रहना पड़ा.
ट्रूडो इस तथ्य को भुनाना चाहते हैं कि कनाडा अब दुनिया के सबसे ज्यादा फुली वैक्सीनेटेड लोगों की आबादी वाला मुल्क है. कनाडा के प्रधानमंत्री पहले की तुलना में व्यक्तिगत रूप से कम लोकप्रिय हैं. लेकिन उनकी सरकार के महामारी से निपटने के तरीकों को व्यापक रूप से एक सफलता के तौर पर देखा गया है. कनाडा के पास प्रत्येक नागरिक के लिए पर्याप्त वैक्सीन डोज हैं और देश ने लॉकडाउन के बीच अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं. ऐसे में ट्रूडो को लगता है कि इस सफलता के जरिए बड़े पैमाने पर चुनावों में लाभ हासिल किया जा सकता है.
सफल वैक्सीनेशन के भरोसे चुनावी जीत पर निशाना
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में कनाडा के इतिहास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर रॉबर्ट बोथवेल ने कहा, जस्टिन ट्रूडो की उपलब्धि एक ऐसी सरकार की अध्यक्षता करना रही है, जो वित्तीय, स्वास्थ्य और बेरोजगारी से निपटने को लेकर नीतियों के साथ आई. इसके कोविड के बीच भी लागू किया गया. उन्होंने ऐसा किया है और ये आगे भी जारी रहेगा. मॉन्ट्रियल में मैकगिल यूनिवर्सिटी में राजनीति के प्रोफेसर डैनियल बेलैंड ने कहा कि ट्रूडो की वैक्सीन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए धीमी शुरुआत को लेकर आलोचना की गई. लेकिन अब हर योग्य कनाडाई के लिए पर्याप्त से अधिक वैक्सीन होने से लाभ हो रहा है.
कनाडा के इतिहास के दूसरे सबसे कम उम्र के पीएम हैं ट्रूडो
दिवंगत प्रतिष्ठित लिबरल प्रधान मंत्री पियरे ट्रूडो के बेटे 49 वर्षीय ट्रूडो कनाडा के इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने. उन्हें पहली बार 2015 में संसद में बहुमत के साथ चुना गया. ट्रूडो ने 2015 में उदारवाद की पहल की. उनसे पहले 10 सालों तक कनाडा में कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार थी. लेकिन ट्रूडो की सरकार में घोटालों की वजह से उनकी चुनावी उम्मीदों को झटका लग सकता है. उनके पिता ने 1968 से 1984 तक एक छोटे से रुकावट के साथ प्रधानमंत्री के रूप में देश की सत्ता संभाली.
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