इजरायल में एक साल पहले बनी नफ्ताली बेनेट की सरकार गिर चुकी है। प्रधानमंत्री बेनेट की सलाह पर राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने इजरायली संसद यानी नेसेट को भंग कर दिया है। जिसके बाद यह यहूदी राष्ट्र 2022 के अंत में साढ़े तीन साल में पांचवी बार चुनाव का सामना करने जा रहा है। इजरायल में दशकों से किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। इस कारण है कि मजबूरी में हर बार गठबंधन की सरकार बनती है, लेकिन कई बार वह अपने कार्यकाल को पूरा किए बिना ही गिर जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि इजरायल की चुनाव प्रणाली में क्या गलत है, जिससे इजरायल की राजनीति की अस्थिरता पैदा हो रही है। इजरायल की संसद को नेसेट कहा जाता है। नेसेट प्राचीन हिब्रू शब्द है जो यहूदी परंपरा के अनुसार 120 ऋषियों और पैगंबरों की एक विधानसभा थी। नेसेट के सदस्य का कार्यकाल चार साल का होता है। इसी के जरिए इजरायल के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का चुनाव होता है। नेसेट में ही इजरायल का कानून बनता है। इसमें कुल 120 सदस्य होते हैं। यहां मतदान करने की न्यूनतम उम्र 18 साल है।