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दुनिया का सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलीस्कोप 30 दिन बाद अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंचा

Subhi
25 Jan 2022 1:13 AM GMT
दुनिया का सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलीस्कोप 30 दिन बाद अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंचा
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया अब तक का सबसे शक्तिशाली जेम्स वेब टेलिस्कोप सोमवार को (24 जनवरी) पृथ्वी से एक मिलियन मील दूर अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गया है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया अब तक का सबसे शक्तिशाली जेम्स वेब टेलिस्कोप सोमवार को (24 जनवरी) पृथ्वी से एक मिलियन मील दूर अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गया है। जेम्स वेब टेलिस्कोप अंतरिक्ष में 30 दिनों की यात्रा के बाद अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंचा है।

नासा ने ट्वीट कर कहा, "लैग्रेंज पर घर! हमने पृथ्वी से लगभग एक मिलियन मील (1.5 मिलियन किमी) की दूरी पर दूसरे लैग्रेंज प्वाइंट (L2) की कक्षा में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को शुरू करने के लिए अपना बर्न सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। यह पृथ्वी के अनुरूप सूर्य की परिक्रमा करेगा, क्योंकि यह एल-2 (L2) की परिक्रमा करता है।"

नासा ने क्रिसमस के दिन (25 दिसंबर) फ्रेंच गुयाना में गुयाना स्पेस सेंटर से इसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इसके बाद आठ जनवरी, 2022 को जेम्स वेब टेलिस्कोप की तैनाती अंतरिक्ष में हुई थी। जेम्स वेब टेलिस्कोप की अंतिम सनशील्ड शनिवार (8 जनवरी) को पूरी तरह से खुल गई थी।

नासा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि टीम ने इस टेलिस्कोप के अंतिम विंग सेट करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। टीम ने इस विंग को सही जगह लगाने के लिए कई घंटों तक चलने वाली इस प्रक्रिया पर काम किया।

सबसे ज्यादा कठिन प्रोजक्ट में से एक

टेलीस्कोप को लॉन्चिंग रॉकेट के अंदर फिट करना काफी चुनौतीपूर्ण काम था, टेलीस्कोप काफी बड़ा होने की वजह से इसे फोल्ड कर अंतरिक्ष में पहुंचाया गया। नासा ने कहा कि टेलिस्कोप को खोलना एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य रहा। यह अब तक के सबसे कठिन प्रोजक्ट में से एक है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष में नासा की आंख कहे जाने वाले हबल की जगह लेगा।

ये आई थी दिक्कत

शील्ड के प्रथम स्तर को कसने से पहले इंजीनियरों ने वेब के पावर सबसिस्टम को समझने में एक अतिरिक्त दिन खर्च किया। इस दौरान उन्हें दो परेशानियां आईं। पहली, समस्या सनशील्ड को कसने के लिए इस्तेमाल होने वाली छह मोटरों से जुड़ी थी। सूर्य की किरणों के कारण मोटरों का तापमान ज्यादा बढ़ गया था। इसके चलते इंजीनियरों ने इन्हें छांव में किया। दूसरी अड़चन सौर पैनल को लेकर थी, जो वेब की ऊर्जा को प्रभावित कर रहा था। टेलिस्कोप पर पांच सौर पैनल लगाए गए।

दूसरे इंसानी ग्रह की खोज में मददगार

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जल्द ही ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने के लिए काम करना शुरू कर देगा, जिसमें ग्रहों से लेकर सितारों तक नेबुला से लेकर आकाशगंगाओं और उससे आगे तक सभी ब्रह्मांडों का अवलोकन किया जाएगा।

काफी स्वाभाविक रूप से इसे एलियंस के जीवन के अस्तित्व के बारे में सभी बहस को निर्णायक रूप से निपटाने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या इंसान एलियंस से मिलने के लिए तैयार हैं?


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