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मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप योजना उपलब्ध है ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो और निरंतर चलती रहे।
हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एचएसएसटी)
एचएसएसटी वर्तमान औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप छात्र-छात्राओं को तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। छात्रों को उच्च शिक्षित एवं प्रशिक्षित अध्यापकों के दिशा-निर्देशन में शिक्षा प्रदान की जाती है। छात्रों में विषय की समझ विकसित करने हेतु समय-समय पर कार्यशालाएं, सेमिनार, वेबिनार एवं औद्योगिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ द्वारा समय-समय पर गेस्ट लेक्चर आयोजित किए जाते हैं। इसमें संचालित कोर्स बीटेक- कंप्यूटर साइंस, आईबीएम बैज इन क्लाउड कंप्यूटिंग एंड वर्चुलाइजेशन, बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशन, बीएससी ऑनर्स डाटा साइंस, एमएससी स्टेटिस्टिक्स, एमसीए, बायोमेडिकल में डिप्लोमा उपलब्ध है।
हिमालयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एचएसएमएस)
एचएसएमएस में छात्र-छात्राओं को समय एवं उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित किया जाता है। इसके अलावा छात्रों को औद्योगिक भ्रमण, एक्सचेंज प्रोग्राम, इंटर्नशिप, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कॉरपोरेट विशेषज्ञों के साथ वार्ता, संगोष्ठी, एजुकेशनल टूर, सेमिनार, समिट एवं व्यक्तित्व विकास के कार्यक्रम से रूबरू कराया जाता है। इसमें उपलब्ध कोर्स बीबीए, बी.कॉम ऑनर्स, एमबीए हैं।
हिमालयन स्कूल ऑफ बायो साइंसेस (एचएसबीएस)
छात्र-छात्राओं को जैव विज्ञान के उन्नत क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाता है। आगामी सत्र से छात्र-छात्राओं को फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी और एनवायरनमेंट साइंस में कोर्स कराए जाएंगे। इसमें संचालित कोर्स बीएससी ऑनर्स इन माइक्रोबायोलॉजी/ बायोटेक्नोलॉजी सहित एमएससी माइक्रोबायोलॉजी/ बायोकेमिस्ट्री/बायोटेक्नोलॉजी हैं।
हिमालयन स्कूल ऑफ योगा साइंस (एचएसवाईएस)
संस्थापक गुरू डॉ.स्वामी राम और प्राचीन भारतीय गुरुओं की शिक्षाओं के अनुरूप योग विज्ञान और समग्र स्वास्थ्य के साथ-साथ नैतिक मूल्यों के उन्नत क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करता है। एचएसवाईएस में आगामी सत्र से छात्र-छात्राएं योग विज्ञान में बीएससी सहित एमएससी पाठ्यक्रम के साथ डिप्लोमा भी कर सकेंगे। इसमें संचालित कोर्स बीएससी/एमएससी/डिप्लोमा यौगिक साइंसेज एंड होलिस्टिक हेल्थ हैं।
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन)
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन) की स्थापना वर्ष 1996 मे हुई। यहां नर्सों को प्रायोगिक प्रशिक्षण के माध्यम से एक कुशल नर्स के रूप में इस प्रकार तैयार किया जाता है, जिससे वह नर्सिंग शिक्षा, नर्सिंग प्रबंधन एवं अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निर्वहन कर सकें। इसमें उपलब्ध कोर्स बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग (नर्स प्रैक्टिशनर इन क्रिटिकल केयर) हैं।
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस)
वर्ष 1995 में एचआईएमएस की स्थापना हुई। इसके साथ ही एचआईएमएस को उत्तराखंड राज्य का पहला प्राइवेट मेडिकल कॉलेज होने का गौरव भी प्राप्त हुआ। एचआईएमएस नैतिक रूप से अनुभवी चिकित्सक तैयार करता है। इसमें उपलब्ध कोर्स एमबीबीएस, एमडी/ एमएस/ फैलोशिप, डीएम, एमसीएच हैं।
पैरा-मेडिकल साइंस
पैरामेडिकल कोर्स छात्रों को तकनीकी विशेषज्ञ बनने और समाज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है। इसके अलावा चिकित्सकों को रोगियों के उपचार में सहयोग प्रदान करता है। इसमें संचालित कोर्स बीएससी मेडिकल टेक्नोलॉजी, बीएमएलटी, बीआरआईटी, बीआरटी, बीओटी, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी, मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी, बैचलर इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथेलॉजी, इंटीग्रेटेड डिग्री इन फिजियोथेरेपी, डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी हैं।
हॉस्पिटल प्रशासन व प्रबंधन पाठ्यक्रम (एमएचए)
स्वास्थ्य सेवा में एडमिनिस्ट्रेशन की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस प्रोग्राम के माध्यम से हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में छात्र-छात्राओं को तैयार कर रहे हैं। पाठ्यक्रम के बाद वह छात्र-छात्राएं किसी भी हॉस्पिटल में कार्यरत हो सकते हैं। इसमें संचालित कोर्स मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन हैं।
क्लिनिकल रिसर्च/ एपिडेमियोलॉजी
यह पाठ्यक्रम पब्लिक हेल्थ की एक ऐसी शाखा है जिसमें किसी भी क्षेत्र व आबादी में फैल रहे संक्रामक रोगों का पता लगाकर उसकी रोकथाम से संबंधित उपाय किए जाते हैं। इसमें संचालित कोर्स मास्टर ऑफ साइंस इन क्लिनिकल रिसर्च/ एपिडेमियोलॉजी हैं।
पीएचडी व शोध
मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी द्वारा प्रति वर्ष विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित किए जाते हैं। विभिन्न पाठ्यक्रमों में पीएचडी करवाई जाती है। इसमें उपलब्ध कोर्स मेडिकल, नर्सिंग, एमएचए, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, योग विज्ञान हैं।
गौरी हिमालयन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विद्यालय (जीएचएसएसटी) (तोली कैम्पस, पौड़ी गढ़वाल)
पहाड़ में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र-छात्राएं अच्छी शिक्षा और बेहतर भविष्य की तलाश में शहर की ओर पलायन कर जाते थे। पहाड़ में रहकर ही छात्र-छात्राओं को रियायती दर पर गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा दे सकें इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर संस्थापक डॉ. स्वामी राम के पैतृक गांव तोली में जीएचएसएसटी की स्थापना की गई। इसमें संचालित कोर्स बीसीए, बीएससी यौगिक साइंसेज एंड होलिस्टिक हेल्थ डिप्लोमा- सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, यौगिक साइंसेज हैं।
करियर गाइडेंस के लिए एसआरएचयू में हेल्पलाइन
छात्र-छात्राओं को प्रवेश के लिए किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है। ज्यादा जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.srhu.edu.in पर उपलब्ध है। इसके अलावा अभ्यर्थी ईमेल [email protected] या 0135-2471135, मोबाइल नंबर - +91-7055309532, 7055309533, 8194009631, 8194009632, 8194009640, टोल फ्री नंबर 18001210266 पर कॉल या एसएमएस से जानकारी ले सकते हैं।
छात्र-छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप का प्रावधान
छात्र-छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप का प्रावधान एसआरएचयू की ओर से हर साल सैकड़ों मेधावी छात्र-छात्राओं को करोड़ों रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालय के नियम व शर्तों के मुताबिक कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों को उनकी अकादमिक योग्यता के आधार पर विश्वविद्यालय में संचालित कोर्स की निशुल्क शिक्षा दी गई व आगामी सत्र में भी यह योजना लागू रहेगी। इसी कड़ी में एसआरएचयू की ओर से विभिन्न कैटेगरी में भी निर्धन व मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप योजना उपलब्ध है ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो और निरंतर चलती रहे।
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