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जिम्बाब्वे में अर्थव्यवस्था चरमराई, चरम पर पहुंची महंगाई, विदेशी मुद्रा सकंट से परेशान देश जारी करेगा Gold Coin

Renuka Sahu
6 July 2022 12:58 AM GMT
Economy collapses in Zimbabwe, inflation reaches peak, country troubled by foreign exchange crisis will issue Gold Coin
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फाइल फोटो 

जिम्बाब्वे जुलाई के अंत में सोने के सिक्के जारी करना शुरू कर देगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिम्बाब्वे (Zimbabwe) जुलाई के अंत में सोने के सिक्के जारी करना शुरू कर देगा. सेंट्रल बैंक के गवर्नर जॉन मंगुड्या (Central Bank Governor John Mangudya) ने इसकी जानकारी दी. मंगुड्या ने कहा कि इस महीने की आखिर से स्थानीय मुद्रा, अमेरिकी डॉलर और अन्य विदेशी मुद्राओं में सोने की मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कीमत और उत्पादन लागत के आधार पर सोने के सिक्के बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों द्वारा मुद्रास्फीति और युद्धों से बचाव के लिए सोने के सिक्कों का उपयोग किया जाता है.

सेंट्रल बैंक ने कहा कि "मोसी-ओ-तुन्या" सिक्का, जिसका नाम विक्टोरिया फॉल्स के नाम पर रखा गया है. सोने के सिक्के को नकदी में बदला जा सकता है और स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार किया जा सकता है. बता दें कि पिछले हफ्ते जिम्बाब्वे ने अपनी नीतिगत दर को 80 फीसदी से दोगुना कर 200 फीसदी कर दिया था और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच साल के लिए अमेरिकी डॉलर को कानूनी निविदा बनाने की योजना की रूपरेखा तैयार की थी.
देश में मुद्रास्फीति की दर 200 फीसदी के करीब
दरअसल, जिम्बाब्वे में भी श्रीलंका की तरह विदेशी मुद्रा सकंट पैदा हो गया है. देश की अर्थव्यवस्था की हालत लगातार खराब होती जा रही है. देश में मुद्रास्फीति की दर पिछले महीने दोगुनी से अधिक 191 फीसदी हो गई है, जो 2000 की हाइपरइंफ्लेशन की यादें ताजा कर दी. इससे उबरने के लिए जिम्बाब्वे ने कहा कि वह इस महीने के अंत से सोने के सिक्के को जारी करेगा, जो बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे. बता दें कि जिम्बाब्वे उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां हाइपरइंफ्लेशन सच हो चुका है.
2008 में भी हुआ था जिम्बाब्वे का बुरा हाल
साल 2008 में जब पूरा विश्व आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा था. उस जिम्बाब्वे की स्थिति और ज्यादा ही खराब हो गई थी. जिम्बाब्वे में महंगाई इस कदर बेकाबू हो गई थी कि वहां के सेंट्रल बैंक को 100 लाख करोड़ डॉलर का बैंकनोट जारी करना पड़ गया था. गंभीर आर्थिक संकट के कारण जिम्बाब्वे का विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त हो गया था और उसकी करेंसी जिम्बाब्वीयन डॉलर की वैल्यू रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई थी.
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