अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा और तमाम यूरोपीय देश रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आर्थिक शिकंजा कसने के लिए एकजुट हो गए हैं। रूस पर सबसे ज्यादा सख्ती 27 देशों वाले यूरोपीय संघ (ईयू) ने दिखाई है। शुक्रवार को ईयू नेताओं ने ज्यादा सख्त प्रतिबंधों का एलान करते हुए दावा किया कि इनसे रूस के 70 फीसदी बैंक और कंपनियों को भारी नुकसान होगा।
हालांकि, यूरोप ने माना, उसे भी नुकसान झेलना पड़ेगा लेकिन यूक्रेन पर हुए हमले के विरोध के लिए वे खामियाजा भुगतने को तैयार हैं। यूरोप के आर्थिक आयुक्त पाउलो जेन्टिलोनी ने कहा, यूक्रेन पर रूसी हमले की हमें कीमत चुकानी होगी। हमारे प्रतिबंधों से यूरो मुद्रा वाले 19 यूरोपीय देशों की आर्थिक तरक्की पर चोट पहुंचेगी। लेकिन यूरोप और दुनिया से ज्यादा खुद रूस को इस जंग से क्षति उठानी पड़ेगी।
पुतिन लावरोव की संपत्ति जब्त होगी
यूरोपीय यूनियन (ईयू) पुतिन और उनके विदेश मंत्री लावरोव की संपत्ति जब्त करेगा। मॉस्को पर लगाए जाने वाले नए प्रतिबंधों में इसकी घोषणा की गई है। ईयू की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ब्रिटेन ने भी संपत्ति जब्त करने पर सहमति दे दी है।
70 फीसदी कंपनियां निशाने पर
यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने बताया, 70 फीसदी रूसी बैंकिंग बाजार और प्रमुख सरकारी रक्षा, ऊर्जा और परिवहन कंपनियों को निशाना बनाया जाएगा। सॉफ्टवेयर, सेमीकंडक्टर्स की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगेगा। ईयू ने यूक्रेन को 1.68 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की।
फ्रांस - वित्त, ऊर्जा समेत कई सेक्टरों पर चोट करेगा।
जर्मनी- वित्तमंत्री क्रिश्चियन लिंडनेर ने बताया, पहली कड़ी के प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान।
ऑस्ट्रेलिया भी कसेगा नकेल
ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि रूसी सरकार के नजदीकी रइसों, बेलारूस व अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाएंगे। यूक्रेन को सैन्य उपकरण व मेडिकल सामान भेजे जाएंगे।
जापान: सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति रोकी
जापान में रूसी सरकार के बॉन्डों पर रोक लगा दी है। इससे रूसी सेना की फंडिंग पर असर पड़ेगा। यूक्रेन के रूस समर्थक हिस्सों के साथ कारोबार भी बंद कर दिया गया है और उनकी संपत्तियों व वीजा फ्रीज कर दिए गए हैं। जापान ने रूस को सेमीकंडक्टरों के शिपमेंट और रूसी सेना के सहयोगी संगठनों को आपूर्ति रोक दी है।