श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. इसे लेकर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को संसद में कहा कि श्रीलंका के पास अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ एक नया समझौता एकमात्र रास्ता है. विक्रमसिंघे ने कहा कि हम ईंधन, गैस, बिजली और भोजन की कमी से कहीं अधिक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं.
श्रीलंका में गहराया आर्थिक संकट
आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के अधिकारियों ने राष्ट्र के लिए नए फंड के लिए एक समझौते के लिए वाशिंगटन स्थित ऋणदाता के साथ बातचीत की. श्रीलंका को आने वाले महीनों में अपने भंडार को बढ़ाने, आयात बिलों का भुगतान करने और अपनी मुद्रा को स्थिर करने के लिए 6 बिलियन डॉलर की जरूरत है.
श्रीलंका IMF पर आश्रित
विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका ने आईएमएफ के साथ प्रारंभिक चर्चा पूरी कर ली है और सार्वजनिक वित्त, ऋण स्थिरता, बैंकिंग क्षेत्र और सामाजिक सुरक्षा पर विचारों का आदान-प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि हम जुलाई के अंत तक आईएमएफ के साथ आधिकारिक स्तर का समझौता करने की उम्मीद कर रहे हैं.
मित्र देशों से संपर्क कर रहा श्रीलंका
अधिकारियों ने आगे की सहायता के लिए भारत, जापान और चीन सहित मित्र राष्ट्रों के साथ एक क्रेडिट सहायता सम्मेलन आयोजित करने की भी योजना बनाई है. श्रीलंका अपने स्वतंत्र इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट को रोकने में विफल रहा है. भोजन, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की निरंतर कमी से विरोध तेज होने का खतरा है और इससे राजनीतिक स्थिरता और बाधित हो सकती है.