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बीजिंग (आईएएनएस)। छिंगहाई-तिब्बत पठार चीन के छह प्रांतों से गुजरता है, जिसका क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का करीब एक चौथाई है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा था कि छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पारिस्थितिकी का संरक्षण चीनी राष्ट्र के अस्तित्व और विकास से संबंधित है। छिंगहाई- तिब्बत पठार को चीन, यहां तक कि दुनिया के पारिस्थितिक सभ्यता का हाइलैंड बनाना चाहिए।
हाल के वर्षों में छिंगहाई-तिब्बत पठार से जुड़े प्रांतों ने पारिस्थितिकी को प्राथमिकता देने वाले हरित विकास का रास्ता कायम किया और पृथ्वी के तीसरे ध्रुव की पारिस्थितिकी की प्रभावी ढंग से रक्षा की, ताकि मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का आधुनिकीकरण बढ़ाया जा सके।
छिंगहाई-तिब्बत पठार यांग्त्ज़ी नदी और पीली नदी का उद्गम स्थल है, जिसकी समुद्र की सतह से औसत ऊंचाई 4,000 मीटर है। छिंगहाई-तिब्बत पठार तिब्बत, छिंगहाई, शिनच्यांग, स्छ्वान, युन्नान और कानसू प्रांत से गुजरता है।
छिंगहाई-तिब्बत पठार का करीब आधा भाग तिब्बत में स्थित है। हाल के वर्षों में तिब्बत ने ग्लेशियर और बर्फ़ीले पहाड़, नदी के स्रोत, झील और आर्द्रभूमि, जंगल और घास के मैदान और जैव विविधता की सुरक्षा को मजबूत किया। तिब्बत की 50 प्रतिशत से अधिक भूमि को पारिस्थितिक संरक्षण की लाल रेखा में शामिल किया गया है।
छिंगहाई-तिब्बत पठार से जुड़े विभिन्न प्रांतों ने मरुस्थलीकरण पर नियंत्रण करने, वनरोपण करने और नदी व झील की निगरानी करने को प्राथमिकता दी। छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण मजबूत हो रहा है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार तिब्बत में मुख्य नदियों और झीलों की जल गुणवत्ता श्रेष्ठ हो चुकी है। 9,600 से अधिक प्रकार के जंगली पौधे रिकार्ड किए गए हैं। प्रमुख राष्ट्रीय संरक्षित जंगली जानवरों की 217 किस्में मौजूद हैं। तिब्बत फिर भी दुनिया में सबसे अच्छे पारिस्थितिक पर्यावरण वाले क्षेत्रों में से एक है।
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