विश्व

ECO Mermaid: महिला ने बनाया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, 12 घंटे लगातार की तैराकी

Gulabi Jagat
9 Jun 2022 3:46 PM GMT
ECO Mermaid: महिला ने बनाया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, 12 घंटे लगातार की तैराकी
x
महिला ने बनाया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
जिन्हें एक बार पानी और समंदर से प्यार हो जाए फिर तो उसे कोई उन लहरों से दूर नहीं कर सकता. कुछ सागर प्रेमी इसका आनंद तट पर मौजमस्ती कर उठाते हैं. कुछ लहरों पर चलकर अपनी इच्छापूर्ति करते हैं. तो कुछ ऐसे होते हैं जो अपने इस प्यार के चलते दुनिया में पहचाने जाने लगते हैं. उन्हीं में से एक हैं मर्ले लीवंड.
फ्लोरिडा की मर्ले लीवंड ने अपने मोनोफिन तैराकी के चलते "इको मरमेड" के रूप में पहचान बनाई. वो तैराक और संरक्षणवादी हैं, जिन्होंने USA के मियामी बीच पर तैरते हुए 11 घंटे और 54 मिनट बिताया और एक मोनोफिन के साथ सबसे दूर तैरने का अपना गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया. लीवंड मूल रूप से एस्टोनिया, नॉर्थ यूरोप की रहने वाली हैं और 11 साल पहले फ्लोरिडा में ट्रांसफर करके आई. बिना हाथों के इस्तेमाल के सिर्फ पैरों पर मोनोफिन पहनकर की थी तैराकी.
पहले बनाया फिर खुद ही तोड़ा भी अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड
इको मरमेड के नाम से जानी जाने वाले लीवंड ने मोनोफिन पहनकर समंदर में 26.22 मील तैरकर गजब के कारनामे को अंजाम दिया. इस कारनामे के साथ ही उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. लीवंड नें 2021 में में रिकॉर्ड बनाया था. जो कि 18.6 मील की तैराकी का था. जो शायद लिंडे लीवंड का अपनी क्षमता से कम लग रहा था. तभी तो उन्होंने बिना ज्यादा इंतज़ार किए जिसके बाद 2022 में उन्होंने फिर एक प्रयास किया इस बार 26.22 मील तैरकर खुद का बनाया रिकॉर्ड ही तोड़ डाला. और नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया. लीवंड एख सीरियल रिकॉर्ड ब्रेकर भी हैं. जिन्होंने सिर्फ दो ही नहीं बल्कि 4 विश्व रिकॉर्ड बनाएं हैं.

लक्ष्य के आगे हर रूकावट को पीछे छोड़ा
लीवंड एक प्रतिस्पर्धी तैराक हैं, जो समंदर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मोनोफिन पहनकर तैराकी करती हैं. उहोंने बताया कि वो एक ऑटो-इम्यून स्वास्थ्य समस्याओं के साथ पैदा हुई थी और तैराकी के जुनून ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया. समंदर में लंबी तैराकी के दौरान उन्हें कई तरह की कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा. उन्हें बीच समंदर में एक जेली फिश ने अपना शिकार बनाने की कोशिश की और जोर से काटा. बेतहाशा दर्द के बाद भी उन्हें लक्ष्य को पार करने के आगे कुछ और नहीं चाहिए था. वो इस दर्द को अपनी कामयाबी के रास्ते का रोड़ा नहीं बनने देना चाहती थी. लिहाज़ा उन्होंने हर दर्द सहकर अपनी तैराकी जारी रखी, वहीं एक बार उनके मुंह में एक छोटा प्लास्टिक का टुकड़ा भी चला गया जिससे उन्हें समुंद्री स्व्च्छता के लेकर जागरूकता का भी ख्याल आया.
Next Story