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तूफान, बाढ़ के बाद न्यूजीलैंड में कांपी धरती...

Teja
15 Feb 2023 2:58 PM GMT
तूफान, बाढ़ के बाद न्यूजीलैंड में कांपी धरती...
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वेलिंगटन। न्यूजीलैंड में गैब्रियल चक्रवात के बाद बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे लोगों को धरती के कंपन का सामना करना पड़ा। बुधवार सुबह आए 6.1 तीव्रता के भूकंप से लोगों की परेशानी और बढ़ गयी। न्यूजीलैंड में पिछले कुछ दिनों से लोग भीषण परेशानी का सामना कर रहे हैं। बुधवार को यह परेशानी बढ़ गयी, जब अचानक तेज भूकंप आ गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 दर्ज की गयी। भूकंप का केंद्र परमपराउमु द्वीप से 50 किमी उत्तर-पश्चिम में जमीन के 57 से 76 किमी नीचे बताया गया। झटके इस कदर तेज थे कि भारी संख्या में लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के 15 मिनट के भीतर ही 31 हजार से अधिक लोगों ने जियोनेट पर भूकंप महसूस होने की पुष्टि कर दी। न्यूजीलैंड की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने भूकंप से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं होने की बात कही है। सरकार ने कोई चेतावनी भी नहीं जारी की है। हालांकि नागरिकों का कहना था कि भूकंप से धरती दस से बीस सेकंड तक कांपी।

इससे पहले न्यूजीलैंड में चक्रवात गेब्रियल भयावह स्थितियां उत्पन्न कर रहा है। चक्रवात गेब्रियल ने न्यूजीलैंड के कई द्वीपों में तबाही मचाई है। बड़े पैमाने पर बाढ़ के साथ भूस्खलन हुआ है। समुद्री लहरें उमड़ने से समुद्र तट पर अफरातफरी है। भारी बारिश और तेज हवा के कारण हजारों घरों की बिजली गुल हो गई है। इस कारण विमान सेवाओं का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है और सैकड़ों उड़ानें रद कर दी गई हैं। तूफान के बाद न्यूजीलैंड सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है। चक्रवात के कारण आई बाढ़ अब देश की नई मुसीबत बनकर उभरी है। बाढ़ से देश की एक तिहाई आबादी प्रभावित है और उनके लिए सामान्य जनजीवन भी अस्तव्यस्त हो गया है।

चक्रवात व बाढ़ के कारण सवा लाख से अधिक लोग बेघर होकर सड़कों पर आ गए हैं। दरअसल पेड़ गिरने से तमाम घर टूट गए हैं और भूस्खलन से कई घर बह गए हैं। देशभर में सड़कें अवरुद्ध हो जाने के कारण आवाजाही प्रभावित हो गई है। उत्तरी द्वीप के सुदूर उत्तर और पूर्वी तट पर रहने वालों को तूफान का सर्वाधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। हॉक्स बे, कोरोमंडल और नॉर्थलैंड जैसे क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। हालात इस हद तक बदतर हो गए हैं कि हॉक्स बे के कुछ निवासियों को बचने के लिए बेडरूम की खिड़कियों से तैरकर बाहर आना पड़ा क्योंकि उनके घरों में पानी भर गया था। बाढ़ग्रस्त इलाकों की हवाई तस्वीरों में छतों पर फंसे लोग राहत के लिए इंतजार करते नजर आ रहे हैं।

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