विश्व

इन देशों के प्रतिबंधों से भारत पर आई 500 टन की आसमानी मुसीबत, जानें क्या है पूरा मामला

Gulabi
28 Feb 2022 12:56 PM GMT
इन देशों के प्रतिबंधों से भारत पर आई 500 टन की आसमानी मुसीबत, जानें क्या है पूरा मामला
x
भारत पर आई 500 टन की आसमानी मुसीबत
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी 'रोस्कोस्मोस' (Roscosmos) के चीफ ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि मॉस्को पर लगाए गए प्रतिबंध इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में उसके सहयोग को खत्‍म कर सकते हैं। उन्‍होंने अमेरिका से पूछा है कि क्या वह भारत और चीन को '500 टन का स्‍ट्रक्‍चर उनपर गिरने की आशंका' के साथ खतरे में डालना चाहता है। गौरतलब है कि रूस और अमेरिका ISS प्रोग्राम में प्रमुख भागीदार हैं। कनाडा, जापान, फ्रांस, इटली और स्पेन जैसे यूरोपीय देश भी इसमें शामिल हैं।
यूक्रेन पर हमला करने के बाद से अमेरिका और तमाम यूरोपीय देश रूस पर सख्‍त प्रतिबंध लगा रहे हैं। खासतौर से आर्थिक मोर्चे पर रूस को सबक सिखाने के लिए ये देश कई ऐलान कर रहे हैं। अमेरिका और उसके साथी देशों ने चार बड़े रूसी बैंकों की संपत्ति को ब्‍लॉक करने, निर्यात को कम करने और पुतिन के करीबियों पर बैन लगाने का फैसला किया है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जिन नए प्रतिबंधों की घोषणा की है, उसके तहत रूस के 'स्‍पेस प्रोग्राम समेत उसकी एयरोस्पेस इंडस्‍ट्री' को 'डीग्रेड' करने की बात है। अमेरिका के इन कदमों पर रूस ने भी पलटवार किया है।
रोस्कोस्मोस के चीफ दिमित्री रोगोजिन ने ट्वीट करके कहा कि अगर आप सहयोग को बाधित करते हैं, तो इंटरनेशल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) को अनियंत्रित होकर कक्षा से बाहर जाने से कौन बचाएगा? यह अमेरिका या यूरोप में गिर जाएगा? उन्होंने कहा कि भारत और चीन पर 500 टन के ढांचे के गिरने की भी संभावना है। उन्होंने कहा कि ISS रूस के ऊपर से उड़ान नहीं भरता है, इसलिए इससे जुड़े सभी खतरे आपके हैं। क्या आप उनके लिए तैयार हैं? गौरतलब है कि ISS को कंट्रोल करने में रूस की अहम जिम्‍मेदारी है। कई मामलों में यहां रूसी इंजनों की भूमिका अहम है।
ध्‍यान रहे कि रूस के पास इंटरनेशल स्‍पेस स्‍टेशन पूरे कॉम्‍प्‍लेक्‍स को गाइड करने, उसके नेविगेशन और कंट्रोल की जिम्‍मेदारी है। बहरहाल, इस पूरे मामले में अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा (NASA) ने स्पष्ट किया है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'रोस्कोस्मोस और कनाडा, यूरोप व जापान जैसे दूसरे सहयोगियों के साथ काम करना जारी रखेगी, ताकि ISS का संचालन सुरक्षित तरीके से किया जा सके। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि फिलहाल ISS में नासा के चार, रूस के दो और यूरोप का एक अंतरिक्ष यात्री मौजूद है और वहां अपना काम कर रहे हैं।
Next Story