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यूरोप पर रूसी गैस न मिलने से गहराया आर्थिक मंदी का खतरा, जर्मनी और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने किया आगाह, 300 फीसद बढ़ी कीमतें

Renuka Sahu
23 Jun 2022 1:15 AM GMT
Due to the lack of Russian gas on Europe, the danger of economic recession deepens, Germany and the International Energy Agency warned, prices increased by 300 percent
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फाइल फोटो 

रूस द्वारा गैस आपूर्ति में कटौती करने से यूरोप में मंदी का खतरा पैदा हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस द्वारा गैस आपूर्ति में कटौती करने से यूरोप में मंदी का खतरा पैदा हो गया है। जर्मनी ने आर्थिक संकट में घिरने की चेतावनी दे दी है। जबकि आइईए ने चेताया है कि रूस यूरोपीय देशों की गैस आपूर्ति पूरी तरह से भी रोक सकता है। यूक्रेन युद्ध से पैदा स्थिति में यूरोप को सबक सिखाने के लिए रूस यह कदम उठा सकता है। इसके लिए यूरोप को वैकल्पिक कदमों के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

यूरोप में मंदी का खतरा
ईयू की अंतरराष्ट्रीय मामलों की कार्यकारी निदेशक एलीना बारड्रैम ने कहा है कि रूसी गैस की आपूर्ति कम होने के चलते यूरोप में मंदी का खतरा है, आने वाले कुछ महीने हमारे लिए बहुत मुश्किल वाले हो सकते हैं, बावजूद इसके यूरोपीय यूनियन (ईयू) यूक्रेन को समर्थन जारी रखेगा। जबकि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आइईए) के प्रमुख फातिह बिरोल ने कहा, रूस के हाल के व्यवहार को देखते हुए आशंका है कि वह यूरोपीय देशों को आपूर्ति होने वाली गैस की पूरी मात्रा रोक सकता है।
अभी से तैयार कर लेनी चाहिए आपात योजना
इसके लिए वह कोई भी तकनीक बहाना बना सकता है। इसलिए यूरोप को आपातकालीन योजना अभी से तैयार कर लेनी चाहिए। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आइईए ने ईयू को अक्षय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा स्त्रोतों का सुझाव दिया है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने करने के लिए कोयले पर आधारित बिजलीघरों को पुन: चालू करने के संकेत दिए हैं।
पर्यावरण सुधार को तगड़ा लगेगा झटका
ईयू सदस्य जर्मनी, इटली और आस्ट्रिया इस आशय के आसार पहले ही जता चुके हैं। लेकिन इसके चलते दशकों से जारी पर्यावरण सुधार के कदमों को तगड़ा झटका लगेगा। आपूर्ति कम होने से यूरोप में गैस की मांग और आपूर्ति में अंतर पैदा हो गया है जिसके चलते गैस के मूल अप्रत्याशित तेजी से बढ़े हैं।
गैस मूल्य 300 प्रतिशत ज्यादा
पिछले वर्ष की तुलना में इस समय गैस मूल्य 300 प्रतिशत ज्यादा हो गया है। चूंकि यूरोप में बिजली भी रूसी गैस से बनती है, इसलिए वहां पर बिजली मूल्य बढ़ गए हैं। इसलिए रूसी गैस में कटौती होने के व्यापक प्रभाव पड़ रहे हैं और यूरोप पर मंदी का खतरा मंडराने लगा है।
रूस ने यूरोप को होने वाली गैस आपूर्ति आधी की
माना जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध के विरोध में यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों के जवाब में रूस ने यूरोप को होने वाली गैस आपूर्ति घटाकर लगभग आधी कर दी है। इस कटौती के लिए रूस ने तकनीक कारण बताए हैं। जबकि ईयू ने रूस पर गलत कारण बताकर गैस आपूर्ति कम करने का आरोप लगाया है।
वैकल्पिक साधनों के लिए तीन साल चाहिए
जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर ने गंभीर आर्थिक संकट से बचने के लिए ऊर्जा स्त्रोत पैदा करने के लिए वैकल्पिक कदम उठाए जाने की जरूरत है। लेकिन इसके लिए व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कम से कम तीन साल की जरूरत होगी, वो तीन साल यूरोप के लिए बहुत भारी होंगे।
रूस से गैस आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध
रूस को यूरोप को नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन के जरिये गैस की आपूर्ति होती है। रूस ने गैस आपूर्ति में पिछले सप्ताह कमी की थी। लेकिन बुधवार को पाइपलाइन से आ रही गैस के दबाव में कमी महसूस की गई, इससे उसे आगे बढ़ाने में मुश्किल पेश आ रही है। इटली ने बुधवार को रूस से गैस आपूर्ति बढ़ाने का फिर से अनुरोध किया।
ठंडक के मौसम में मुश्किल से घिर सकता है यूरोप
यूरोप को गैस की किल्लत उस समय महसूस हो रही है जब वह ठंडक के मौसम के लिए गैस का भंडारण कर रहा है, उससे वह कार्यालयों और घरों को गर्म रखने के लिए आवश्यक गैस और बिजली की आपूर्ति करेगा। अगर अक्टूबर से शुरू होने वाले ठंडक के मौसम में ऐसी ही किल्लत बनी रही तो यूरोप में भारी नुकसान के अंदेशे से घिर जाएगा।
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